Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो खुद को कैब ड्राइवर और राइडर बनाकर कैब कंपनियों को लाखों का चूना लगा रहा था. ये गैंग फर्जी आधार कार्ड बनाकर कैब कंपनियों पर फर्जी राइड बुक करता था और फिर राइड पूरी किए बिना ही पैसे ऐंठ लेता था. पुलिस ने गैंग के पास से 500 फर्जी आधार कार्ड, 21 मोबाइल, लग्जरी कार और अन्य सामग्री की बरामद की है. यह कामयाबी ईकोटेक-1 थाना पुलिस को मिली है.
पुलिस के अनुसार ये आरोपी आधार कार्ड को कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मदद से एडिट करते थे. फिर उन आधार नंबरों का इस्तेमाल कर फर्जी नामों से कैब ऐप पर ड्राइवर और राइडर दोनों की आईडी बनाते थे. एक मोबाइल से राइड बुक होती और दूसरे मोबाइल से ड्राइवर की आईडी से उसे स्वीकार किया जाता. फिर बिना राइड पूरी किए, कंपनी से पैसे वसूल लिए जाते. जांच में सामने आया है कि अब तक ये गैंग लाखों रुपये का नुकसान कैब कंपनियों को पहुंचा चुका है. फर्जी आईडी से की गई इन बुकिंग्स की वजह से कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है.
ADCP सुधीर कुमार ने क्या कहा?
ADCP सुधीर कुमार ने बताया, “पुलिस को काफी दिनों से शिकायत मिल रही थी कि कैब कंपनियों को किसी गैंग द्वारा फर्जी बुकिंग कर चूना लगाया जा रहा है. जांच में पाया गया कि कुछ लोग खुद ही राइडर और ड्राइवर बनकर कंपनी की पेमेंट प्रणाली का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, और अन्य की तलाश जारी है.”
अब होगी डिजिटल फर्जीवाड़े पर सख्ती
इस मामले ने डिजिटल फ्रॉड के खतरनाक पहलू को एक बार फिर उजागर कर दिया है. अब पुलिस डिजिटल अपराधों पर नजर रखने के लिए साइबर सेल की मदद ले रही है. ग्रेटर नोएडा जैसे तेजी से विकसित होते शहरों में तकनीक का दुरुपयोग कर फर्जीवाड़े करने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ती जा रही है.
पुलिस ने लोगों और कंपनियों को सचेत रहने की सलाह दी है और कहा है कि डिजिटल वेरिफिकेशन को और मजबूत किया जाएगा. फिलहाल गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गैंग के और कौन-कौन सदस्य इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं.
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