लखनऊ। आज दिनांक 24 अप्रैल 2025 को उत्तर रेलवे, लखनऊ मण्डल के हजरतगंज स्थित मंडलीय कार्यालय में रक्षामंत्री, भारत सरकार के सांसद प्रतिनिधि, सदस्य विधान परिषद एवं उत्तर तथा पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल के अधिकारियों के मध्य एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में रक्षामंत्री के सांसद प्रतिनिधि, दिवाकर त्रिपाठी एवं जितेंद्र सिंह, सदस्य विधान परिषद, मुकेश शर्मा, मण्डल रेल प्रबंधक, उत्तर रेलवे, लखनऊ, एस.एम.शर्मा, अपर मण्डल रेल प्रबंधक, पूर्वोत्तर रेलवे, लखनऊ, भुवनेश सिंह तथा दोनों मंडलों के अन्य अधिकारियों के मध्य ऑर्बिटल रेलवे कॉरिडोर सहित रेल संबंधी अन्य बिंदुओं पर वार्ता हुई। बैठक में दोनों मण्डल के मण्डल रेल प्रबंधकों ने सांसद प्रतिनिधि को अपने अपने मण्डल पर वर्तमान में चल रहे सभी रेल कार्यों की प्रगति की जानकारी प्रदान की तथा भविष्य में कार्यान्वित की जाने वाली अन्य रेल परियोजनाओं से अवगत कराया। इस बैठक में मुख्यतः ऑर्बिटल रेलवे कॉरिडोर के निर्माण कार्य पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई तथा इस दिशा में नीतियों को स्पष्ट किया गया।
विदित हो कि रेल संचालन की प्रक्रिया को सुदृढ़ करते हुए तथा रेल परिचालन को एक नई दिशा प्रदान करने के उद्देश्य से लखनऊ ऑर्बिटल रेलवे कॉरिडोर के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। इस परियोजना का उद्देश्य लखनऊ क्षेत्र में रेल यातायात की भीड़-भाड़ को कम करना और सुचारू संचालन सुनिश्चित करना है। कुल 170 किमी. के दोहरीकृत रेलमार्ग के इस ऑर्बिटल रेल कॉरीडोर का निर्माण कार्य लखनऊ-कानपुर सेक्शन, लखनऊ- शाहजहांपुर –मुरादाबाद सेक्शन, ऐशबाग़- डालीगंज –सीतापुर सिटी, लखनऊ- बाराबंकी-गोंडा सेक्शन, लखनऊ- बाराबंकी-अयोध्या सेक्शन, लखनऊ-सुल्तानपुर–वाराणसी सेक्शन एवं लखनऊ-रायबरेली-वाराणसी सेक्शन की रेल परिसीमाओं के अंतर्गत किया जाएगा।
लखनऊ क्षेत्र में वर्तमान में सात मुख्य रेल मार्ग हैं, जिनके माध्यम से सभी यात्री एवं मालगाड़ी ट्रेनें संचालित होती हैं। इन मार्गों पर भारी भीड़-भाड़ के कारण रेल यातायात बाधित हो रहा है। यह क्षेत्र उत्तर रेलवे, उत्तर-पूर्व रेलवे, और पूर्व-मध्य रेलवे के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है, जिससे यहाँ रेल यातायात का दबाव अत्यधिक बढ़ जाता है। ज्ञात हो कि वर्तमान में लखनऊ से अयोध्या, वाराणसी, कानपुर, मुरादाबाद, सीतापुर, रायबरेली, और सुल्तानपुर की ओर जाने वाले मार्गों पर अत्यधिक ट्रेनों का संचालन होता है। इस परियोजना के तहत लखनऊ के चारों ओर एक 170 किमी लंबा रेलवे कॉरिडोर बनाया जाएगा तथा सभी सात प्रमुख मार्गों को इस ऑर्बिटल कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। यह कॉरिडोर “Y” कनेक्शन के माध्यम से जुड़ा होगा और रेल-ऑन-रेल पुलों (ROR) के जरिए प्रमुख मार्गों के ऊपर से गुजरेगा। इसमें एक नया “ग्रीनफील्ड मेगा पैसेंजर टर्मिनल” विकसित किया जाएगा, जिसमें 30 से अधिक लाइनें और 20 प्लेटफार्म होंगे साथ ही एक मेगा रेल लॉजिस्टिक्स पार्क का निर्माण आगरा एक्सप्रेसवे के निकट किया जाएगा। इस परियोजना के तहत मालगाड़ियों का संचालन सुगम होगा, जिससे व्यापार एवं औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इसके अतिरिक्त रेलगाड़ियों के परिचालन में विलंब को कम करके प्रतिगाड़ी समय की बचत भी की जा सकेगी । यह परियोजना लखनऊ परिक्षेत्र के यात्री एवं माल परिवहन के लिए एक नया युग स्थापित करेगी तथा रेलवे परिचालन को और अधिक कुशल एवं सुविधाजनक बनाएगी।