वित्त वर्ष 2024–25 में भौतिक व वित्तीय प्रदर्शन ऐतिहासिक, सिंगरौली क्षेत्र के विकास को मिला नया आयाम
सिंगरौली/एबीएन न्यूज। भारत सरकार की मिनीरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) की 40वीं वार्षिक आम बैठक गुरुवार को सिंगरौली स्थित मुख्यालय में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष श्री पी.एम. प्रसाद ने की, जबकि एनसीएल के सीएमडी श्री बी. साईराम, निदेशक (मानव संसाधन) श्री मनीष कुमार, निदेशक (वित्त) श्री रजनीश नारायण, निदेशक (तकनीक) श्री सुनील प्रसाद सिंह, कोल इंडिया एवं एनसीएल के कंपनी सचिव, तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
कोल इंडिया अध्यक्ष श्री पी.एम.प्रसाद ने एनसीएल की कार्यसंस्कृति को “अनुकरणीय” बताते हुए कंपनी को कोल इंडिया की उत्कृष्ट इकाई बताया और 2024–25 के दौरान शानदार प्रदर्शन के लिए सभी कर्मियों को बधाई दी। उन्होंने राष्ट्र की ऊर्जा आत्मनिर्भरता में एनसीएल की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए सुरक्षित व सतत संचालन की अपील की।
सीएमडी श्री बी.साईराम ने बताया कि वित्त वर्ष 2024–25 में एनसीएल ने 139 मिलियन टन कोयला उत्पादन, 137.70 मिलियन टन कोयला प्रेषण का नया कीर्तिमान स्थापित किया। इसमें से 86% (118.51 मिलियन टन) कोयला बिजली उत्पादन के लिए भेजा गया, जो देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एनसीएल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एनसीएल ने 84% से अधिक कोयला हरित माध्यमों से प्रेषित किया, जो इसके पर्यावरण अनुकूल व सतत खनन प्रयासों का प्रमाण है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2024–25 में जबरदस्त आर्थिक उपलब्धियां दर्ज की जिसमें सकल टर्नओवर: ₹35,138.09 करोड़, कर पूर्व लाभ (PBT): ₹12,803.13 करोड़, कर उपरांत लाभ (PAT): ₹9,583.29 करोड़, लाभांश वितरण: ₹4,038.02 करोड़, पूंजीगत व्यय (CAPEX): ₹3,289.56 करोड़ (लक्ष्य ₹2,170.00 करोड़ से अधिक)

एनसीएल ने वित्त वर्ष 2024–25 में ₹192.19 करोड़ खर्च कर सामाजिक उत्तरदायित्व में भी लक्ष्य से अधिक योगदान दिया। जिसके अंतर्गत “चरक”, “नन्हा सा दिल–एनसीएल”, मेडिकल मोबाइल यूनिट जैसी योजनाओं के माध्यम से स्वास्थ्य व सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया गया है। कंपनी ने श्रमिक सहभागिता, सौहार्दपूर्ण औद्योगिक संबंध, और कर्मियों के चहुमुखी विकास के लिए नए मानदंड स्थापित किए हैं।
एनसीएल को आगामी वित्त वर्ष 2025–26 में 140 मिलियन टन कोयला उत्पादन, 141 मिलियन टन प्रेषण, तथा 500 मिलियन क्यूबिक मीटर ओवरबर्डेन रिमूवल का महत्वाकांक्षी लक्ष्य दिया गया है। कंपनी का लक्ष्य ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में लगातार अग्रणी भूमिका निभाना है।