पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हारने वाले 10 उम्मीदवारों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जांच और सत्यापन की मांग की थी। चुनाव आयोग (ईसी) ने गुरुवार को बताया कि सभी मशीनें पूरी तरह सही पाई गईं और उनमें कोई खामी नहीं मिली। इन उम्मीदवारों ने ईवीएम से जुड़ी बैलट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और पेपर ट्रेल मशीन (वीवीपैट) की जांच की मांग की थी। यह जांच 10 विधानसभा क्षेत्रों में की गई और आयोग ने कहा कि सभी मामलों में मशीनें जांच में सफल रहीं। किसी भी वीवीपैट पर्ची की गिनती में कोई गड़बड़ी नहीं मिली।
आयोग ने कहा, यह प्रक्रिया एक बार फिर साबित करती है कि ईवीएम पूरी तरह से छेड़छाड़ से सुरक्षित हैं। इस जांच में 48 बैलट यूनिट, 31 कंट्रोल यूनिट और 31 वीवीपैट मशीनों को परखा गया, जो मतदान के दौरान इन 10 विधानसभा क्षेत्रों में उपयोग में लाई गई थीं। मशीनों को बनाने वाली कंपनी ईसीआईएल के अधिकृत इंजीनियरों ने सभी मशीनों को जांच कर प्रमाणित किया कि वे तकनीकी परीक्षणों में पूरी तरह से सफल रहीं।
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पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक नई प्रक्रिया को मंजूरी दी थी, जिससे ईवीएम की विश्वसनीयता पर उठने वाले सवालों को दूर किया जा सके। कोर्ट ने चुनाव आयोग की उस योजना को स्वीकार किया जिसमें विवाद की स्थिति में मशीनों के सॉफ्टवेयर और बर्न्ट मेमोरी की जांच और प्रमाणन की बात कही गई थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के लिए ईवीएम की बर्न्ट मेमोरी जांच के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया भी तय की थी।