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वो गबरू जवान हैडंसम हंक हीरो, जिसने अपने करियर में एक से बढ़कर एक हिट दी. लेकिन हेमा मालिनी की खूबसूरती पर ऐसा दिल हारा कि ज्यादातर उनके साथ ही काम करने लगा. उस दौर में कोई एक्टर उनका स्टारडम नहीं हिला सका.
नई दिल्ली. बॉलीवुड का धाकड़ हीरो, जिसने हर तरह के रोल निभाकर अपनी अलग जगह बनाई. करियर की शुरुआत से ही हिट पे हिट देता आ रहे इस एक्टर का आज भी जलवा कायम है. एक बार तो इस एक्टर ने 5 साल में 13 ब्लॉकबस्टर दे डाली थी.

एक समय ऐसा था जब उन्होंने बैक टू बैक हिट फिल्में दी थीं.बॉलीवुड के वो दमदार एक्टर कोई और नहीं बल्कि हीमैन कहे जाने वाले धर्मेंद्र हैं. उनकी दमदार पर्सनालिटी और शानदार एक्टिंग के लोग दीवाने थे.

60-70 से लकर 80 के दशक तो धर्मेंद्र का ऐसा जलवा था कि उन्होंने एक ही साल में चार से ज्यादा हिट फिल्में देकर इतिहास रच दिया था. उन्होंने करियर में ज्यादातर हिट सुपरहिट और ब्लॉकबस्टर फिल्में ही दीं हैं. जीनत अमान, हेमा मालिनी और मुमताज के साथ भी उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया है. मुमताज के साथ वह लोफर में नजर आए थे.

इनमें साल 1966 में तो धर्मेंद्र ने कई हिट फिल्में दीं. इसी साल आई फूल और पत्थर ने ब्लॉकबस्टर साबित हुईं. इस फिल्म के बाद वह इंडस्ट्री के स्टार हीरो बनकर उभरे. इसके अलावा आया दिन बहार, ममता, देवर, अनुपमा और दिल ने फिर याद किया जैसी फिल्मों से भी उन्होंने धाक जमाई.

साल 1966 तो जैसे धर्मेद्र के लिए वरदान साबित हुआ. यह साल धर्मेंद्र को हिट की मशीन बना गया. फिर 70 का दशक आते-आते धर्मेंद्र इंडस्ट्री में हिट की गारंटी वाले हीरो बनकर सामने आए.

इसके बाद उनकी फिल्म जीवन मृत्, शराफत, तुम हसीन मैं जवान , कब क्यों और कहां और आदमी और इंसान जैसी फिल्मों ने धमाल ही मचा दिया. इस साल धर्मेंद्र का स्टारडम सातवें आसमान पर आ गया था.

साल 1972 में भी उनकी दो बड़ी फिल्में सीता और गीता और राजा जानी रिलीज हुई. ये फिल्म तो उनके करियर के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुईं. फिर समाधि और दो चोर जैसी फिल्मों ने उनकी किस्मत चमका दी.उन्होंने ज्यादातर हेमा मालिनी के साथ ही काम किया.

<br />बता दें कि साल 1974 में फिल्म जुगनू, यादों की बारात, लोफर और कहानी किस्मत की सुपरहिट रहीं, झील के उस पार और कीमत भी हिट हुई. साल 1987 फिल्म हुक़ूमत 1973 ने धर्मेंद्र के करियर की ऊंचाइयां दी. ये वो साल था जब उनकी फिल्मों के लिए टिकट तक मिलना मुश्किल हो जाता था. यही वजह थी कि उस दौर के सुपरस्टार विनोद खन्ना और अमिताभ भी उनका स्टारडम हिला नहीं पाए थे.
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