हमला (सांकेतिक)
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ईरान ने इस्राइल पर हमले की तैयारी शुरू कर दी है। अमेरिका के एक अधिकारी ने दावा किया है कि ईरान इस्राइल पर मिसाइल हमले कर सकता है। इसे लेकर अमेरिका ने ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। इस्राइल की ओर से हिजबुल्ला पर की गई कार्रवाई को लेकर ईरान बौखलाया हुआ है। क्योंकि हिजबुल्ला को खड़ा करने में ईरान की भूमिका रही है। हिजुबल्ला प्रमुख की मौत ईरान के लिए बड़ा झटका है।
दरअसल, इस्राइल और हमास के युद्ध के बाद कई बार ईरान और इस्राइल आमने-सामने आए हैं। इस तनाव की शुरुआत 1 अप्रैल 2024 को हुई। जब सीरिया स्थित ईरानी दूतावास पर हवाई हमला हुआ। इस हमले में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) के अल-कुद्स बल के एक वरिष्ठ कमांडर सहित कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। ये सभी दमिश्क दूतावास परिसर में एक बैठक में भाग ले रहे थे। हमले का आरोप इस्राइल पर लगाया गया।
इसके बाद 13 अप्रैल को ईरानी सेना ने प्रॉक्सी नेटवर्क के साथ मिलकर इस्राइल और इस्राइल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स पर जवाबी हमले किए। इस हमले को ईरान ने ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस नाम दिया था। इस हमले को इजरायल-हमास युद्ध के परिणाम के रूप में देखा गया और यह ईरान द्वारा इस्राइल पर उसके प्रॉक्सी संघर्ष की शुरुआत के बाद से पहला सीधा हमला था। इस्राइल ने कहा कि 99 प्रतिशत हथियारों को नष्ट कर दिया और उसे कोई नुकसान नहीं हुआ।
अब हिजबुल्ला प्रमुख नसरल्ला की मौत के बाद एक बार फिर ईरान ने इस्राइल पर हमले की चेतावनी दी है। क्योंकि हिजबुल्ला को खड़ा करने में ईरान की भूमिका रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान ने हिजबुल्ला को तैयार करने में 40 साल लगाए हैं और अब ईरान नहीं चाहेगा कि उसकी चालीस साल की मेहनत बर्बाद हो जाए। साथ ही ईरान ने यमन में हूती और सीरिया में भी अपने प्रोक्सी समूह तैयार किए हैं। ईरान पर दबाव है कि वह इस्राइल को मुंह तोड़ जवाब दे। वहीं ईरान की धमकी के बाद अमेरिका ने कहा है कि अगर ऐसा होता है तो ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
इससे पहले इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि मध्य पूर्व में ऐसी कोई जगह नहीं है जो इस्राइल की पहुंच से बाहर हो। एक वीडियो में उन्होंने कहा था कि वह ईरानी लोगों से मुखातिब हैं। मध्य पूर्व में ऐसा कोई स्थान नहीं है जहां इस्राइल नहीं पहुंच सकता। ऐसी कोई जगह नहीं है जहां हम अपने लोगों और अपने देश की रक्षा के लिए नहीं जा सकते।