फाल्गुन कृष्ण की चतुर्दशी तिथि यानि 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाएगा. भगवान शिव की पूजा के लिए यह दिन अति उत्तम होता है. इसदिन शिवभक्त पूजा-पाठ कर भगवान को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

वैसे तो भोलेनाथ की पूजा में विभिन्न प्रकार की चीजें या फिर किसी राजसी सामग्रियों की आवश्यकता नहीं होती. भगवान तो एक लोटा शुद्ध जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं. क्योंकि शिवजी की पूजा बहुत ही सरल और साधारण होती है.

लेकिन भोग स्वरूप सभी देवी-देवताओं को फल अर्पित किए जाते हैं. अगर आप महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं तो यह जान लीजिए कि भगवान को कौन सा फल नहीं चढ़ाएं. अगर आप पूजा में ये फल चढ़ाएंगे तो इससे भोलेनाथ नाराज हो सकते हैं.

शिवलिंग पर पूजा के दौरान नारियल नहीं चढ़ाना चाहिए. नारियरल को हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है. आमतौर पर सभी पूजा-पाठ से लेकर मांगलिक कार्यों में भी नारियल चढ़ाए जाते हैं. लेकिन शिवलिंग पर यह फल नहीं चढ़ाना चाहिए.

इस संबंध में ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि, नारियल की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई और इसे देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी भी हैं. ऐसे में भगवान शिव को नारियल चढ़ाने का अर्थ यह होता है कि, आप उन्हें लक्ष्मी अर्पित कर रहे हैं. इसलिए शिवजी की पूजा में नारियल नहीं चढ़ाया जाता है.

शिवजी को अन्य फल भी चढ़ाते समय इसका विशेष ध्यान रखें कि भगवान को केवल साबुत चीजें ही चढ़ाएं. टूटी या कटी चीजें शिवजी को अर्पित न करें. शिवजी की पूजा में मुख्य रूप से बेलपत्र, बेल फल, बेर का फल, साबुत चावल, धतूरा आदि चढ़ाए जाते हैं.
Published at : 25 Feb 2025 01:15 PM (IST)
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