Nitish Reddy Father Sacrifice: नितीश रेड्डी अब भारतीय टीम के सबसे उभरते हुए सितारों में से एक हैं. टी20 और टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया के लिए डेब्यू कर चुके नितीश ना केवल बैट बल्कि गेंद से भी प्रभावी साबित हुए हैं. अब उन्होंने उस दर्द को बयां किया है जो उन्हें भारत का एक टॉप क्रिकेटर बनने के सफर में झेलना पड़ा है. दरअसल BCCI ने एक वीडियो साझा किया है, जिसमें इस युवा क्रिकेट ने बताया कि कैसे उनके पिता के त्याग ने उन्हें क्रिकेट में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया.
पापा को रोते हुए देखा…
नितीश रेड्डी बताते हैं कि वो बचपन में क्रिकेट को गंभीरता से नहीं लेते थे, लेकिन उनके पिता ने बहुत त्याग किए हैं. उन्होंने बताया, “मेरे लिए पापा ने नौकरी छोड़ दी थी और मेरी कहानी में बहुत सारे त्याग छिपे हैं. मैंने एक दिन वित्तीय संकट के कारण उन्हें रोते हुए देखा, तब मैंने सोचा कि एक तरफ मेरे पापा त्याग कर रहे हैं और मैं क्रिकेट को केवल मजे के लिए नहीं खेल सकता. उस समय मैंने क्रिकेट को गंभीरता से लेना शुरू किया और मेहनत आखिरकार रंग लाई.”
‘मुझे गर्व महसूस होता है’
नितीश कुमार एक मध्यम वर्ग परिवार से आते हैं. उन्होंने अपने पिता के त्याग के प्रति सम्मान दिखाते हुए कहा, “मेरा परिवार मिडिल-क्लास वर्ग से संबंध रखता है. अपने पिता को खुश देखकर मुझे भी खुशी मिलती है. मैंने जब उन्हें अपनी टीम इंडिया की जर्सी दिखाई और जब उनके चेहरे पर खुशी देखी तो मुझे बहुत गर्व महसूस हुआ.”
नितीश रेड्डी का अपने आइडल के साथ खेलने का सपना तब पूरा हुआ जब 22 नवंबर को खुद विराट कोहली ने नितीश को उनकी टेस्ट डेब्यू कैप पहनाई. नितीश ने ऐसे समय में 41 रन की पारी खेली, जब भारतीय टीम पर्थ टेस्ट की पहली इनिंग में संघर्ष कर रही थी.
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