सोनभद्र। जिलाधिकारी श्री बी0एन0 सिंह ने अवगत कराया है कि कार्यालय परिवहन आयुक्त, उत्तर प्रदेश लखनऊ के निर्देशानुसार “नो हेलमेट, नो फ्यूल” रणनीति लागू करने की अपेक्षा की गयी है। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु एवं घायलों की संख्या में वृद्धि के प्रति भारत सरकार द्वारा गम्भीर चिंता व्यक्त की गयी है। हाल ही में हुई राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार “सड़क सुरक्षा में सुधार हेतु समस्त जिलों में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करना अनिवार्य है।” सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली असामयिक मृत्यु और गम्भीर चोटों को रोकने के लिए एक ठोस, दीर्घकालिक और प्रभावी रणनीति की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी की जाने का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसे प्राप्त करने के लिए नवाचार और व्यवहार परिर्वतन पर केन्द्रित उपायों को अपनाना अनिवार्य है। इस दिशा में, शहरी क्षेत्रों में “नो हेलमेट, नो फ्यूल” रणनीति एक निर्णायक कदम हो सकती है। यह रणनीति न केवल हेलमेट पहनने को अनिवार्य बनाने में सहायक होगी, बल्कि सड़क सुरक्षा के प्रति नागरिको में जिम्मेदारी और अनुशासन की भावना को भी प्रोत्साहित करेगी।
मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा-129 एवं उ०प्र० मोटरयान नियमावली, 1998 के नियम-201 के अनुसार सभी मोटर साइकिल चालकों एवं सवारियों के लिए भारतीय मानक व्यूरो (बी०आई०एस०) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप प्रोटेक्टिव हेड गियर (हेलमेट) पहनना अनिवार्य है। इन प्राविधानों का उल्लघंन केन्द्रीय मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा-177 के तहत दण्डनीय अपराह है। जिसमें जुर्माने का प्राविधान है। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद सोनमद्र में स्थित सभी पेट्रोल पम्प संचालको एवं स्वामियों को निर्देश दिए गये है कि आगामी 07 दिवसों में अपने प्रांगण में इस आशय के बड़े-बड़े होर्डिंग लगवायेंगे कि 26 जनवरी 2025 से किसी भी ऐसे दो पहिया वाहन चालक को पेट्रोल का विक्रय नहीं किया जायेगा, जिसके चालक तथा सहयात्री ने हेलमेट नहीं पहना हो तथा यह भी निर्देश दिए गए है कि सभी पेट्रोल पम्प संचालक एवं स्वामी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उनके प्रतिष्ठान में सी०सी०टी०वी० कैमरा सदैव सक्रिय रहे, ताकि किसी भी विवाद की स्थिति में सी०सी०टी०वी० फुटेज का अवलोकन कर आवश्यक निर्णय लिया जा सके। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर “नो हेल्मेट, नो फ्यूल” के सम्बन्ध में अक्षरशः अनुपालन करना सुनिश्चित करेंगें।