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जलगांव रेल हादसा (फाइल) – फोटो : पीटीआई
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महाराष्ट्र के जलगांव में बुधवार शाम को हुए रेल हादसे से जुड़ी एक नई बात सामने आई है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पुष्पक एक्सप्रेस के यात्रियों को ट्रेन से उतरने के बाद सुरक्षित स्थान पर जाने का पर्याप्त समय मिला था, क्योंकि कर्नाटक एक्सप्रेस 20 मिनट बाद आई थी, जिसकी चपेट में आकर 12 यात्रियों की मौत हो गई।
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रेलवे अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में बताया कि घटना बुधवार शाम 4:45 बजे हुई, जब माहेजी और परधाडे स्टेशनों के बीच ट्रेन रुकी। आग की अफवाह के बाद आपातकालीन चेन खींचने से रुकी ट्रेन से यात्री नीचे उतर गए, लेकिन वे खतरे से अंजान होकर साइड ट्रैक पर खड़े रहे। अधिकारियों ने बताया कि कर्नाटक एक्सप्रेस वहां से शाम 5:05 बजे गुजरी।
अधिकारियों ने खारिज की शुरुआती खबरें
अधिकारियों ने उन खबरों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि लखनऊ से मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस के कुछ यात्री जल्दबाजी में ट्रेन से कूद गए। वह बगल की रेलवे पटरियों पर चल रहे थे और उन्हें आती हुई ट्रेन को देखने का मौका नहीं मिला। अधिकारियों ने बताया कि हादसे से पहले यात्रियों द्वारा साझा किए गए कई वीडियो भी यही संकेत देते हैं।
रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि कई शुरुआती रिपोर्ट्स में कहा गया था कि यात्रियों के पास सुरक्षित स्थान पर जाने का समय नहीं था, लेकिन यह गलत है। उन्होंने कहा कि हम चेन खींचने के कारणों की जांच कर रहे हैं।
सुरक्षा सावधानियों का पालन करने पर बच सकती थी जान
अधिकारी ने कहा कि कर्नाटक एक्सप्रेस को आते देख यात्री ट्रैक से हट गए, जबकि जो लोग नहीं देख पाए या जिन्हें हटने का पर्याप्त समय नहीं मिला, वे इसकी चपेट में आ गए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बुनियादी सुरक्षा सावधानियों का पालन करने से संभावित रूप से जान बच सकती थी।
जांच में मृतकों की संख्या 12 होने की पुष्टि हुई
जांच जारी रहने के बाद, अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि शुरुआत में मृतकों का आंकड़ा 13 पहुंचा था, लेकिन बाद में पता चला कि जो सिर और धड़ अलग-अलग व्यक्तियों के बताए जा रहे थे, वह एक ही व्यक्ति के थे, जिसके बाद मृतकों की संख्या 12 होने की पुष्टि हुई।