लखनऊ। आरडीएसओ द्वारा भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर ‘जनजातीय गौरव वर्ष’ का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम न केवल जनजातीय समाज की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव था, बल्कि उनकी राष्ट्रीय आंदोलन में अमूल्य भूमिका को भी सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।
कार्यक्रम की शुरूआत ललित कला अकादमी के सहयोग से आयोजित एक भव्य चित्र प्रदर्शनी हुई। इस प्रदर्शनी ने स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदायों के योगदान को चित्रों के माध्यम से दर्शाया। इसका उद्घाटन उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग की सदस्या श्रीमती अनीता गौतम ने किया। इसके साथ ही आरडीएसओ स्काउट एवं गाइड और मानक नगर विद्यालय की एनसीसी टीम द्वारा प्रस्तुत किये गये गेटवे और गजेट्स को खूब सराहनी मिली। राज्य लोक कला एवं जनजातीय सांस्कृतिक संस्थान के सहयोग से आयोजित थारु सांस्कृतिक कार्यक्रम ने दर्शकों को जनजातीय समाज की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से रुबरु कराया। साथ ही कलबेलिया नृत्य प्रस्तुति ने उपस्थित जनों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण विकास भारती के सचिव और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित, श्री अशोक भगत का प्रेरणादायक व्याख्यान रहा । उन्होंने ‘Empowering Tribals – Transforming India” विषय पर अपने विचार साझा किए एवं जनजातीय समाज के उत्थान और उनकी राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका को विस्तार से समझाते हुए कहा, ‘जनजातीय समाज का योगदान राष्ट्र निर्माण में अनमोल है, और हमें इसे पहचानने व प्रोत्साहित करने की दिशा में निरंतर प्रयास करने होंगे’।
कार्यक्रम में श्री अमरनाथ दुबे, प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी ने अपने स्वागत भाषण में जनजातीय गौरव वर्ष की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। आरडीएसओ के महानिदेशक, श्री उदय बोरवणकर इस अवसर पर उपथित रहे एवं उन्होंने अपने संबोधन में बिरसा मुंडा के अद्वितीय योगदान और उनके जीवन मूल्यों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता पर जोर दिया।
यह आयोजन बिरसा मुंडा के संघर्ष, उनके आदर्शों और जनजातीय समाज के योगदान को जन-जन तक पहुंचाने का एक सफल प्रयास था। यह न केवल उनकी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का मंच बना, बल्कि इसके माध्यम से एक प्रेरणादायक संदेश भी दिया गया । इस अवसर पर, जनजातीय समाज के वरिष्ठ कार्मिकों को सम्मानित भी किया गया। श्री बी.के.पाण्डेय, वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी -1 एवं उनके सहयोगी कार्मिकों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम में रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी, रेलवे महिला कल्याण एसोसिएशन की पदाधिकारी, जनजातीय समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे।