गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय, गोरखपुर के चारों दिशाओं में रेल लाइनों का मजबूत नेटवर्क बनाया जा रहा है। गोरखपुर से पश्चिम लखनऊ की ओर एवं गोरखपुर से पूरब छपरा की ओर मुख्य मार्ग दोहरीकृत है और तीसरी लाइन का कार्य प्रगति पर है। उत्तर में नकहा जंगल तक दोहरीकरण हो चुका है, उसके आगे फाइनल लोकेशन सर्वे को स्वीकृति मिल चुकी है। दक्षिण की ओर सहजनवा-दोहरीघाट में भूमि अधिग्रहण अंतिम चरण में हैं। इन कार्यों से उत्तरी राज्यों से बिहार एवं उत्तर पूर्वी राज्यों को बेहतर एवं तेज कनेक्टिविटी मिलेगी।
गोरखपुर कैंट-वाल्मीकिनगर दोहरीकरण परियोजना का कार्य तेज गति से किया जा रहा है, इसके अन्तर्गत गंडक नदी पर एक महत्वपूर्ण पुल बनाया जायेगा। इस कार्य के हो जाने से लाइन क्षमता का विस्तार होगा तथा आवश्यकतानुसार अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का मार्ग प्रशस्त होगा। इस क्षेत्र के एक और महत्वपूर्ण नई रेल रेल लाइन परियोजना आनन्द नगर-घुघुली में भी भूमि अधिग्रहण का कार्य तेजी से किया जा रहा है, इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिये इसे विशेष प्रोजेक्ट के रूप में चिह्नित किया जा चुका है।
मोबिलिटी तथा लाइन कैपेसिटी बढ़ाने पर रेलवे ने विशेष ध्यान दिया है, इंजन रिवर्सल में लगने वाले समय तथा संसाधनों के बचत के लिये कई स्थानों पर वाई-कनेक्शन दिया गया अथवा बाईपास लाइन बनाई गई, जिसका लाभ रेल यात्रियों को समय बचत के रूप में हो रहा है। इसी क्रम में, घुघुली रेलवे स्टेशन पर वाई-कनेक्शन प्रदान किये जाने हेतु सर्वे कार्य किया जा रहा है, जिससे किसी भी दिशा से ट्रेनों के आवागमन में इंजन रिवर्सल करने की आवश्यकता न पड़े।
मार्च तक स्वामी नारायण छपिया तक का रेलवे ट्रैक ऑटोमेटिक सिगनल युक्त हो जायेगा, जिससे लाइन क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी। मुख्य रेल मार्ग लखनऊ-गोरखपुर-छपरा एवं सीतापुर-बुढ़वल खंडों में कवच लगाने हेतु विस्तृत इस्टीमेट स्वीकृत हो चुका है तथा निविदा की प्रक्रिया चल रही है। इन सभी इन्फ्रास्ट्रक्चर कार्यों के होने से क्षेत्र के विकास की गति में तेजी आयेगी तथा यात्रियों को उत्कृष्ट सुविधायें मिलेंगी।