{“_id”:”67bacae44b7728b64e085f71″,”slug”:”up-government-rates-of-hotmix-plant-suddenly-increased-six-times-2025-02-23″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”UP: एकाएक छह गुना बढ़ा दीं हॉटमिक्स प्लांट की दरें, जांच में खुल सकती है ठेकेदारों और अफसरों की मिलीभगत”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
– फोटो : amar ujala
विस्तार
उत्तर प्रदेश में हैरत में डालने वाला एक आदेश सामने आया है। निर्माण कार्यों में इस्तेमाल होने वाले हॉटमिक्स प्लांट की सरकारी दरें एकाएक छह गुना तक बढ़ा दी गईं हैं। मामला पकड़ में आने पर पीडब्ल्यूडी ने अपने यहां नया आदेश रद्द करते हुए पुराना आदेश लागू कर दिया है। वहीं, उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि अगर मामले की जांच हुई तो इसमें ठेकेदारों और अफसरों की बड़ी मिलीभगत खुल सकती है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों में निर्माण कार्यों में प्रयुक्त होने वाली सामग्री के रेट पारदर्शी और सटीक रखने के निर्देश दिए हैं। लेकिन, बताते हैं कि कुछ अफसर खेल करने में अब भी पीछे नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में सभी विभागों में निर्माण कार्यों के उपयोग के लिए एकीकृत दर अनुसूची (एसओआर) पीडब्ल्यूडी में 25 अक्तूबर 2024 को लागू की गई। इसमें हॉट मिक्स प्लांट की दरें केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) में दी गई व्यवस्था के अनुसार ली गई थीं।
बताते हैं कि इन दरों का जब परीक्षण किया गया तो कई अधिकारी भी हैरत में पड़ गए। हॉटमिक्स प्लांट की दरों में एकाएक 5.8 से लेकर 6.46 गुना तक की वृद्धि कर दी गई। उदाहरण के तौर पर जिस हॉटमिक्स प्लांट का रेट पहले 13938 रुपये प्रति घंटा था, उसे अक्तूबर में बढ़ाकर 80925 रुपये प्रति घंटा कर दिया। पीडब्ल्यूडी ने आनन-फानन में उच्चस्तरीय तकनीकी समिति की बैठक कर अपने यहां नई दरों को लागू न करने का फैसला किया। साथ ही कहा है कि अगर कोई एस्टीमेट हॉटमिक्स प्लांट की नई दरों के आधार पर जारी हुआ है तो उसे संशोधित किया जाएगा। यहां बता दें कि सड़कों की लागत में हॉटमिक्स प्लांट के संचालन की अवधि को भी जोड़ा जाता है।
हॉटमिक्स प्लांट की दरें (प्रति घंटा)
क्षमता (कोड)
रद्द होने से पहले
रद्द होने के बाद अब
200 टीपीएच (पीएम18001)
80925 रुपये
13938 रुपये
160 टीपीएच (पीएम18002)
63621 रुपये
9846 रुपये
120 टीपीएच (पीएम 18003)
48133 रुपये
7974 रुपये
मामले में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का कहना है कि मामले की हम जांच कराएंगे। गड़बड़ मिलने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार का कहना है कि सभी विभागों के लिए निर्माण आइटम की दरें एकसमान रखने के लिए पहली बार एकीकृत दर अनुसूची जारी की गई है। इसे पीडब्ल्यूडी, सिंचाई व निर्माण कार्यों से जुड़े विभागों के अधिकारियों की एक समिति तय करती है। नोडल होने के नाते नियोजन विभाग इन्हें जारी भर करता है। उच्चस्तरीय तकनीकी समिति की जानकारी में यह मामला आ गया है। हम यह जरूर देखेंगे कि छह गुना रेट कैसे बढ़ गया।