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कांग्रेस नेता शशि थरूर – फोटो : PTI
विस्तार
भाजपा ने सोमवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर पर हमला करते हुए दावा किया कि उनका पार्टी में “हाशिये पर जाना” अपरिहार्य था। भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि थरूर ने गांधी परिवार के “नामांकित” मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था, यही कारण था कि उनका पार्टी में हाशिये पर जाना तय था। मालवीय ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस, गांधी परिवार की “स्वामित्व वाली कंपनी” के अलावा कुछ नहीं है।
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अमित मालवीय ने साधा निशाना
मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि कांग्रेस में शशि थरूर का हाशिये पर जाना इसलिए तय था, क्योंकि उन्होंने गांधी परिवार के नामांकित मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की हिम्मत की थी। साथ ही मालवीय ने आगे कहा कि अगर थरूर की सार्वजनिक छवि बेहतर होती, तो उनका कद कांग्रेस में और भी मजबूत हो सकता था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस केवल गांधी परिवार की “स्वामित्व वाली फर्म” के अलावा कुछ नहीं है।
थरूर की लेख पर विवाद
बता दें कि भाजपा की यह टिप्पणी थरूर के एक हालिया लेख के बाद आई है, जिसमें उन्होंने केरल में वामपंथी सरकार की प्रशंसा की थी। थरूर ने एक अंग्रेजी दैनिक में अपने लेख में केरल में उद्यमिता और स्टार्ट-अप क्षेत्र में राज्य की प्रगति का उल्लेख किया था। यह लेख केरल में राजनीतिक हलचल का कारण बना, क्योंकि कांग्रेस ने इसके आधार पर सवाल उठाए थे, जबकि सीपीआई (एम) ने इसे स्वागत करते हुए सराहा था।
वीडी सतीशन ने लेख पर उठाए सवाल
केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने थरूर के लेख के आधार पर सवाल उठाया था और इसके बाद कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने थरूर के बयान को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की। हालांकि थरूर ने रविवार को यह साफ किया कि उनका उद्देश्य वामपंथी सरकार की प्रशंसा करना नहीं था, बल्कि राज्य के उद्यमिता क्षेत्र में हो रही प्रगति को उजागर करना था। उन्होंने यह भी कहा कि उनके लेख में कोई राजनीतिक संदर्भ नहीं था और उनका ध्यान केवल केरल में नवाचार और उद्यमिता के विकास पर था।
कांग्रेस की मुखपत्र वीक्षणम ने भी की थरूर की आलोचना
इसके बाद, केरल में कांग्रेस पार्टी के मुखपत्र “वीक्षणम” ने थरूर की आलोचना करते हुए संपादकीय प्रकाशित किया, जिसमें उनसे आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं की उम्मीदों को धोखा न देने का आग्रह किया गया था। साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने कहा कि थरूर के लेख पर विवाद अब समाप्त हो चुका है। एआईसीसी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी ने थरूर से इस मामले पर बात की थी, और उन्हें सूचित किया गया था कि अगर राज्य के उद्यमिता विकास पर सटीक आंकड़े उपलब्ध होते हैं, तो वह अपने रुख पर पुनर्विचार करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर विवाद नहीं होना चाहिए और यह अब बंद अध्याय है।