Mahashivratri 2025: कानपुर में एक शिव मंदिर ऐसा है जिसकी बड़ी मान्यता है. इस मंदिर में वे लोग अधिक माथ टेकते हैं, जिनका कोई मामला कोर्ट कचहरी में चल रहा है. मान्यता है कि यहां आने वाले की भोलेनाथ अवश्य सुनते हैं. यही कारण है कि यहां दर्शन करने वालों में उन श्रद्धालुओं की संख्या सबसे ज्यादा है जो कोर्ट कचहरी के मामलों को लेकर परेशान रहते हैं.
पुलिस वाले भी यहां बड़ी संख्या में आते हैं जब कोई मामला हल नहीं होता या कोई केस सॉल्व होने में दिक्कत होती है तो यहां निदान होता है. सैकड़ों अधिवक्ता भी यह आकार माथा टेकते हैं और केस जीतने से लेकर न्यायिक मामलों में सफलता और उसे जल्द निपटाने को लेकर मन्नते मांगते हैं. कहते हैं कि बाबा शिव के इस कोतवालेश्वर मंदिर में बाबा की अदालत चलती है, जिससे पीड़ित को आराम मिलता है, और उसकी समस्याएं भी दूर होती है.
कानपुर के कोतवाली क्षेत्र में बना ये अनोखा शिव मंदिर अपने आप में खास है क्योंकि इस मंदिर की स्थापना साल 1934 में हुई थी और ब्रिटिश हुकूमत चलाने वाले अंग्रेजों ने इस मंदिर के लिए यहां के महंत को दो गज की जगह दी थी जिसके बाद ये मंदिर स्थापित हुआ और यहां पर अनोखी शिवलिंग के अपने अलग ही चमत्कार सामने आने लगे. यहां आने वाला कोई भी श्रद्धालु आज तक खाली नहीं लौटा.
भक्तों का मानना है कि यहां खुद बाबा शिव की अदालत चलती है किसी भी मामले को हल करने पहले अधिवक्ता, पुलिस वाले यहां आते जरूर हैं, क्योंकि इस मंदिर की ये खासियत है कि यहां बाबा शिव हर समस्या को जल्द ही खत्म करा देते हैं, तंग और सकरी गलियों में बना ये शिव मंदिर कोतवालेश्वर पूरे शहर में चर्चित है, और यहां आकर कोई अधिवक्ता या पुलिसवाले दर्शन करते जरूर दिख जाएंगे.
महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां पुलिस अधिवक्ता और ऐसे पीड़ितों की बड़ी संख्या पहुंचती है जो कानूनी मामलों में फंसे होते हैं कई कई सालों से जिनके मुकदमे न्यायालय में चल रहे हैं यहां तक कि जिन मुकदमों में अधिवक्ताओं को सफलता नहीं मिल रही होती है ऐसे अधिवक्ता भी यहां आकर जीतने की कामना करते हैं।
इस मंदिर की खासियत को लेकर मंदिर के महंत नैतिक गिरी जी महाराज ने बताया की ये मंदिर उनके पुरखों की धरोहर है उनके पूर्वज ही इस मंदिर की सेवा करते चले आ रहे हैं इसकी मान्यता है कि जोभी कानूनी समस्या हो उसे बाबा की अदालत में अर्जी लगाकर खत्म कराया जाता है, और इस तरह की समस्या को लेकर वकील ,पुलिस वाले या वो लोग जो अपने मुकदमों के चलते परेशान चल रहे होते हैं यहां आते हैं.