नई दिल्ली। भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा सेवा, भारतीय रेलवे सुरक्षा बल सेवा, भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (लेखा) और भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (यातायात) के प्रथम बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा, भारतीय रेलवे सुरक्षा बल सेवा, भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (लेखा) और भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (यातायात) के प्रशिक्षु अधिकारियों के एक समूह ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।
रेलवे सेवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देश का एक बड़ा हिस्सा हर दिन रेल का इस्तेमाल करता है। रेलवे सेवा अधिकारियों के रूप में, उन्हें हमारी गतिशीलता को बढ़ाने और इस तरह हमारी अर्थव्यवस्था के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभानी है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि रेलवे सेवाएं बड़ी संख्या में लोगों के दैनिक जीवन की गुणवत्ता निर्धारित करती हैं। उन्होंने अधिकारियों को यह ध्यान में रखने की सलाह दी कि वे राष्ट्र के लिए एक बदलाव के वाहक और सेवा प्रदाता के रूप में रेलवे की समग्र प्रभावशीलता के लिए काम कर रहे हैं।
इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्री सतीश कुमार ने भारत के माननीय राष्ट्रपति को पिछले एक दशक में रेल बुनियादी ढांचे और अन्य सुविधाओं में हुए विकास और रेलवे की अन्य चल रही परियोजनाओं से अवगत कराया, जो आत्मनिर्भर राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं।चार परिवीक्षाधीन अधिकारियों, सुश्री स्वर्णिम भारद्वाज, सुश्री तस्कीन खान, श्री आकाश डागर और सुश्री कृतिका मिश्रा ने प्रशिक्षण का संक्षिप्त विवरण दिया तथा यह प्रण लिया कि वे स्वतंत्रता की शताब्दी पर विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी सेवा देने हेतु सदैव तत्पर रहेंगे।
इस अवसर पर भारतीय परिवहन प्रबंधन संस्थान, लखनऊ के अपर महानिदेशक श्री संजय त्रिपाठी, आईआरआईएफएम, सिकंदराबाद की महानिदेशक सुश्री अपर्णा गर्ग, लखनऊ के जगजीवन राम आरपीएफ अकादमी के आईजी सह निदेशक श्री बी वेंकटेश्वर राव और शिमला के राष्ट्रीय लेखा परीक्षा एवं लेखा अकादमी के महानिदेशक श्री मनीष कुमार भी उपस्थित थे।