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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) से जावेद अख्तर, नसीरुद्दीन शाह जैसे बड़े कलाकार निकले हैं, लेकिन पिछले तीन दशकों में कोई बड़ा कलाकार नहीं उभरा है. प्रशासनिक सख्ती को वजह माना जा रहा है.
वॉल ऑफ फेम, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी.
हाइलाइट्स
- AMU से जावेद अख्तर, नसीरुद्दीन शाह जैसे बड़े कलाकार निकले हैं.
- प्रशासनिक सख्ती के कारण पिछले तीन दशकों में कोई बड़ा कलाकार नहीं उभरा.
- पहले छात्रों को अधिक स्वतंत्रता मिलती थी, जिससे वे अपने टैलेंट को निखार पाते थे.
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) से पढ़े छात्र देश-विदेश में अपनी पहचान बना रहे हैं. बॉलीवुड में भी इस यूनिवर्सिटी का नाम रोशन करने वालों की कमी नहीं रही. जावेद अख्तर, अनुभव सिन्हा, नसीरुद्दीन शाह, सुरेखा सिकरी, दिलीप ताहिल, मुजफ्फर अली, सईद जाफरी और कैफ़ी आज़मी जैसे दिग्गज कलाकार और निर्देशक यहीं से निकले हैं. लेकिन बीते तीन दशकों में यहां से कोई बड़ा कलाकार उभरकर सामने नहीं आया है। आखिर इसकी वजह क्या है?
सीईसी: जहां से निकलते थे बड़े कलाकार
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कल्चरल एजुकेशन सेंटर (CEC) नामक संस्था है, जो छात्रों की प्रतिभा निखारने का काम करती है. इसमें 11 क्लब हैं, जिनमें ड्रामा, सिंगिंग, डांसिंग, पेंटिंग जैसे कई कलात्मक क्लब शामिल हैं. हर क्लब का एक अध्यक्ष, सेक्रेटरी और समन्वयक होता है. यूनिवर्सिटी के करीब ढाई से तीन हजार छात्र इन क्लबों के सदस्य हैं, जो दर्शाता है कि आज भी यहां कला और संस्कृति में रुचि रखने वाले छात्रों की संख्या काफी अधिक है. लेकिन इसके बावजूद पिछले 25-30 वर्षों में यहां से कोई बड़ा कलाकार क्यों नहीं निकल पाया?
पहले और अब के माहौल में फर्क
AMU डिबेटिंग एंड लिटरेरी क्लब के सेक्रेटरी मोहम्मद शम्स दुआ खान ने CEC को यूनिवर्सिटी की एक जीवंत संस्था बताया. उन्होंने कहा कि यहां छात्रों को अपने टैलेंट को निखारने के लिए तमाम सुविधाएं मिलती हैं. कैंपस में कक्षाएं दिन में चार बजे तक चलती हैं, जिसके बाद छात्र CEC के क्लबों में अपनी रुचि के अनुसार हिस्सा लेते हैं. अकेले डिबेटिंग क्लब में ही 1200 से अधिक छात्र सदस्य हैं.
CEC के पूर्व समन्वयक डॉ. एफ.एस. शिरानी का कहना है कि पहले की तुलना में अब यूनिवर्सिटी का माहौल काफी बदल गया है. उन्होंने बताया कि पहले छात्रों को पूरी स्वतंत्रता मिलती थी, जिससे वे अपने टैलेंट पर खुलकर काम कर पाते थे. लेकिन अब CEC को एक विभाग की तरह चलाने की कोशिश की जा रही है, जिससे छात्रों की रचनात्मकता बाधित हो रही है.
आजादी की कमी बनी बड़ी वजह?
डॉ. शिरानी ने कहा कि पहले, पढ़ाई के बाद छात्र अपनी रुचि के अनुसार डांस, एक्टिंग, सिंगिंग और म्यूजिक जैसी कलाओं में भाग ले सकते थे. लेकिन अब आने-जाने की पाबंदियों और प्रशासनिक सख्ती के कारण छात्र खुलकर अपने टैलेंट को निखार नहीं पा रहे हैं. यही कारण है कि पहले जो छात्र इस माहौल में रहकर सीखते थे, उन्होंने आगे चलकर बॉलीवुड और अन्य क्षेत्रों में बड़ी पहचान बनाई.
AMU का कैनेडी ऑडिटोरियम और वॉल ऑफ फेम
AMU के CEC में एक बड़ा कैनेडी ऑडिटोरियम भी है, जहां नाटकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. इसके अलावा वॉल ऑफ फेम में AMU से निकले बड़े कलाकारों की तस्वीरें लगी हुई हैं, जो इस यूनिवर्सिटी की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती हैं.
Aligarh,Uttar Pradesh
February 26, 2025, 17:27 IST