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ये वो एक्टर हैं जो जन्म के बाद ही डिमांड में आ गए थे. भगवान में आस्था रखने वाले इस एक्टर ने मंदिर से चोरी भी की. ये वो एक्टर हैं, जिनकी मम्मी ने कभी एक्टिंग नहीं की. लेकिन वो भी किसी सेलेब्रिटी से कम नहीं हैं. …और पढ़ें
ये एक्टर खुद को दिग्गज कहलाना पसंद नहीं करता.
हाइलाइट्स
- इस एक्टर ने 540 से ज्यादा फिल्मों और कई नाटकों में काम किया है.
- ये पहले एक्टर हैं, जिन्होंने कॉमेडी रोल के लिए 5 बार फिल्मफेयर अवार्ड जीता है.
- अपने स्ट्रगलिंग डेज में वो मुंबई के रेलवे स्टेशन पर ही सोते थे.
नई दिल्ली. ‘मंजिलें तो मिल ही जाती हैं भटकते-भटकते, गुम तो वो हो जाते हैं, घर से नहीं निकलते…’ आज कहानी उस दमदार एक्टर की, जिसने 1,746 किलोमीट का सफर तय किया और मायानगरी मुंबई पहुंचा. 500 से ज्यादा फिल्में की, सैकड़ों ऑवर्ड अपने नाम किए. ये वो एक्टर हैं, जिन्होंने सालों से लुक नहीं बदला. मुंबई पहुंचा तो तीन साल तक काम के लिए चप्पल घिस दी, लेकिन काम नहीं मिला, प्लेटफॉर्म पर सोया. काम मिला तो उम्र से 40 साल बड़े शख्स का रोल किया.
7 मार्च 1955, यानी आज से ठीक 70 साल पहले उस दिग्गज एक्टर का जन्म हुआ, जिनको देखने के बाद सबसे पहले मुरीद उनकी नर्स हो गई थी. ये एक्टर और कोई नहीं अनुपम खेर हैं. जन्म के चंद मिनटों बाद ही वह डिमांड में आ गए थे. एक्टर ने एक टीवी शो के दौरान अपने जन्म का किस्सा खुद बयां किया था. उन्होंने बताया कि मां ने उन्हें देखा तो उनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन नर्स ने उन्हें देखा और पूछा- ‘मिसेज खेर, ये आपका पहला बच्चा हैं? मेरे कोई बच्चे नहीं हैं, क्या मैं आपका बच्चा गोद ले लूं.’
स्कूल से लगा था एक्टिंग का बुखार
शिमला में कश्मीरी पंडितों के परिवार में जन्मे अनुपम खेर का बचपन बेहद गरीबी में बीता. दरअसल, दंगों के बीच ही अनुपम खेर के माता-पिता कश्मीर से शिमला आकर बस गए थे. पिता पुष्कर नाथ खेर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में क्लर्क की नौकरी करते थे, जिनकी उस दौर में तनख्वाह महज 90 रुपए थी. एक ही कमरे का घर था और उस घर में 14 लोग साथ रहते थे. अनुपम बड़े हुए तो स्कूल में दाखिला कराया गया. स्कूली शिक्षा के दौरान हुए कल्चरल प्रोग्राम में पहली बार उनका सामना मंच से हुआ. बस इसके बाद एक्टिंग का बुखार ऐसा हुआ कि आज तक नहीं उतरा.

1974 में अनुपम खेर ने शिमला चोड़ दिया था. फोटो साबार-रेडिट
पढ़ाई में नहीं थे अच्छे, पापा ने निकाला डर
अनुपम खेर ने शुभांकर मिश्रा के साथ बातचीत में उन्होंने बताया था कि वो पढ़ाई में अच्छे नहीं थे और क्लास में कभी भी उनके 30% से ज्यादा नंबर नहीं आए. उन्होंने बताया कैसे उनके पापा ने उन मन से हारने का डर हमेशा मिटा दिया. एक्टर ने एक किस्सा सुनाया. उन्होंने बताया कि एक बार रिजल्ट पर साइन कराना था. मैं हमेशा कोशिश करता था कि पापा जल्दी में ऑफिस जाए तब मैं उनसे साइन करा लूं. ताकि सवालों से बचूं. एक बार मैंने उनसे रिजल्ट पर साइन कराए, लेकिन तभी वो ऑफिस की कोई चाबी भूल गए और वापस आए. उन्होंने मेरे से पूछा तू अपनी क्लास में 59वें नंबर पर आया है? मैंने कहा-हां जी. ये सुनने के बाद पापा ने मेरे से कहा- कितने बच्चे हैं? मैंने कहा-60. मुझे लगा वो डांट लगाएंगे. लेकिन उन्होंने कहा- देखो एक बात तो हमेशा फस्ट आता है उसे हमेशा टेंशन रहती है कि फस्ट आना है. लेकिन जो 59th आता है, वो 48 या 35वें नंबर पर तो आ सकता है. एक काम करना अगली बार 48वें नंबर पर आ जाना. उन्होंने बताया कि कैसे जीवन में हमेशा खुश रहना है.
मंदिर से ऑडिशन के लिए की थी 100 रुपये की चोरी
स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद अनुपम खेर ने संजोली के गवर्नमेंट कॉलेज में इकनॉमिक्स से ग्रेजुएशन करने के लिए दाखिला लिया था. कॉलेज के दिनों में वो नाटकों का हिस्सा बना करते थे. कॉलेज के दिनों में ही अनुपम ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में थिएटर कोटा से अप्लाय किया था. वो ग्रेजुएशन कर ही रहे थे कि उन्हें चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में ऑडिशन के लिए बुलाया गया. लेकिन पैसे नहीं थे. पिता से पैसे मांगने की हिम्मत भी नहीं थी. उन्होंने संसद टीवी को दिए एक इंटरव्यू में ये किस्सा सुनाया था. उन्होंने बताया कि घर में बने मंदिर में गए. वहां जमा 108 रुपए रखे थे. वहां से उन्होंने 100 रुपये उठाए और 8 रुपये मंदिर में छोड़ दिए थे. उन्होंने बताया था कि वो ये कहकर घर से गए थे कि वो पिकनिक पर जा रहे हैं और शाम तक घर आ जाएंगे. जब घर लौटे तो देखा घर में पुलिसवालों का जमावड़ा लगा हुआ था.

अनुपम के पिता उनके सबसे अच्छे दोस्त थे. ये वो कई इंटरव्यू में कह चुके हैं. फाइल फोटो.
जब पापा ने पूछा-चोरी के दिन तुम कहा थे
उन्होंने बताया कि पापा बहुत गुस्से में थे. उन्होंने मेरे से पूछा- चोरी वाले दिन तुम कहां गए थे? मैं घबरा गया और मैंने कहा- इंटरव्यू देने चंडीगढ़ गया था. इतने में मां ने पूछा- तेरे पास पैसे कहां से आए? अनुपम ने जैसे ही कहा- मैंने मंदिर से चुराए, तो मां ने बिना कुछ कहे सीधे जोरदार थप्पड़ जड़ दिया. पिता भी उनकी तरफ बढ़े तो एक्टर ने माफी मांगनी शुरू कर दी. पिता ने तेज आवाज में कहा- चुप कर. तेरा सिलेक्शन हो गया है. इस तरह 27 जुलाई 1974 को अनुपम खेर ने शिमला छोड़ दिया और चंडीगढ़ आकर डिपार्टमेंट ऑफ थिएटर से जुड़ गए. एक साल के डिप्लोमा के बाद उन्होंने 3 साल तक नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से भी डिप्लोमा किया.
19 साल में उड़ने लगे बाल, गंजेपन दूर करने के लिए लगाया ऊंट का पेशाब
अनुपम खेर को घर में ‘बिट्टू’ कहकर बुलाते थे. ‘बिट्टू’ के साथ भी वहीं हुआ, जो उनके पिता और चाचाजी के साथ हुआ था. वो महज 19 साल के थे, जब उनके बाल झड़ने लगे. हीरो बनने मुंबई पहुंचे अनुपम के लिए गिरते हुए बाल एक चिंता का विषय था. बाल बचाने के लिए उन्होंने कई जड़ी-बूटियां इस्तेमाल की थीं. कभी 4-4 दिनों तक रीठा लगाकर रखते थे तो कभी कोई नुस्खा अपनाया. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया एक दिन किसी ने उनसे कह दिया कि ऊंट का पेशाब लगाने से बाल वापस आ जाते हैं. ऐसे में अनुपम एक प्लास्टिक की बोतल लेकर जुहू बीच पहुंच गए, बोतल में पेशाब इकट्ठा कर लिया. उन्होंने कई दिनों तक पेशाब सिर में लगाए रखी, लेकिन इससे भी कोई फायदा नहीं मिला. इसके बाद अनुपम ने दोबारा बाल उगाने की उम्मीद छोड़ दी और गंजेपन के साथ ही फिल्मों में जगह बनाई. उन्होंने बताया कि उनके गंजेपन से उनकी मां को परेशानी हुई थी. लेकिन किरण उनके लुक से और प्यार करने लगी थी.

अनुपम खेर को अब तक दो राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और आठ फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिल चुके हैं. इसके अलावा, उन्हें कई और अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. फोटो साभार@IMDb
बाप न बन पाने का अब होता है दुख
अनुपम खेर की पहली शादी 1979 में मधुमालती कपूर से हुई. लेकिन ये शादी एक साल में ही खत्म हो गई. इसके बाद उन्होंने किरण खेर से दूसरी शादी की. अनुपम खेर के जीवन का सबसे बड़ा दुख ये है कि वो कभी रियल लाइफ में पिता नहीं बन सके. उन्हें पहले ये फील नहीं होता था. लेकिन पिछले-7-8 सालों से वो ऐसा फील करते हैं. शुभांकर मिश्रा के साथ बातचीत में उन्होंने कहा ऐसा नहीं है कि मैं सिकंदर (किरण खेर के पहले पति के बेटे) के काम से खुश नहीं हूं. 50-55 तक मैंने बहुत काम किया. लेकिन, अब कभी किरण बिजी कभी सिंकदर बिजी… कभी-कभी अब जब मैं अपने दोस्तों के बच्चों के साथ उनकी बॉन्डिंग देखता हूं तो इसे फील करता है.
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
March 07, 2025, 04:02 IST