सोनभद्र। जिलाधिकारी श्री बी0एन0 सिंह की अध्यक्षता में संभावित सूखा एवं बाढ़ की स्थिति से निपटने हेतु समस्त विभागों के अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक की गयी, जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) आपदा प्रबंधन की संपूर्ण मॉनिटरिंग और समन्वय सुनिश्चित करना है, सभी विभागों को समयबद्ध दिशा-निर्देश जारी करना है, जिला आपदा प्रबंधन योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये, नियंत्रण कक्ष की स्थापना एवं सतत निगरानी की व्यवस्था की जाये, राहत शिविरों, भोजन वितरण, स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी, जल संसाधन विभाग/सिंचाई विभाग नदियों, नालों व जलाशयों के जलस्तर की नियमित निगरानी/आवश्यकतानुसार तटबन्ध, जल निकासी एवं मरम्मत कार्य/बाढ़ संभावित क्षेत्रों की सूची तैयार करना। बाढ़ चेतावनी प्रणाली (Flood Early Warning System) का संचालन, कृषि विभाग सूखा संभावित क्षेत्रों की पहचान कर आवश्यक रिपोर्ट तैयार की जाये, किसानों को सूखा रोधी फसल, बीज व तकनीक संबंधी सलाह दी जाये, फसल क्षति आकलन हेतु फील्ड सर्वे करना। फसल बीमा योजना की जानकारी एवं लाभ वितरण। राजस्व विभाग फसल नुकसान व जन-धन हानि का आंकलन एवं राहत मुआवजा वितरण। खतौनी, भूमि अभिलेखों का सत्यापन। पुनर्वास हेतु भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करना। स्वास्थ्य विभाग, राहत शिविरों में चिकित्सा टीमों की तैनाती की जाये, आपदा से उत्पन्न बीमारियों (जैसे डायरिया, मलेरिया, डेंगू आदि) की रोकथाम, दवाओं व आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाये, मोबाइल मेडिकल यूनिट की व्यवस्था, पशुपालन विभाग पशुओं हेतु चारा, चिकित्सा व टीकाकरण की व्यवस्था, पशु शिविरों की स्थापना और निगरानी, बाढ़ या सूखे से प्रभावित पशु मृत्यु का रिकॉर्ड और मुआवजा प्रक्रिया, नगर निकाय/ग्राम पंचायतें, जल निकासी, नालों की सफाई, जलभराव की रोकथाम, बाढ़/सूखा प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छता, कूड़ा निस्तारण की निगरानी, राहत शिविरों की स्थापना में सहयोग, ग्राम/वार्ड स्तर पर स्थानीय निगरानी समिति बनाना, लोक निर्माण विभाग सड़कों, पुलों की मरम्मत व वैकल्पिक मार्ग तैयार रखना। राहत एवं बचाव दलों की आवाजाही हेतु मार्गों की उपलब्धता सुनिश्चित करना। शिक्षा विभाग विद्यालय भवनों का उपयोग राहत शिविरों के रूप में। बच्चों के लिए मानसिक स्वास्थ्यध्परामर्श सहायता की योजना। आपदा संबंधी जागरूकता अभियान चलाना। खाद्य एवं रसद विभाग,राशन की पर्याप्त उपलब्धता एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली की निगरानी। बाढ़ या सूखा प्रभावित परिवारों को मुफ्त या रियायती खाद्यान्न उपलब्ध कराना। समाज कल्याण विभाग, वृद्ध, विकलांग, गर्भवती महिलाओं व बच्चों के लिए विशेष सहायता। राहत शिविरों में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की सुविधा। पुलिस/होमगार्ड/एसडीआरएफ /एनडीआरएफ राहत एवं बचाव कार्यों में त्वरित कार्रवाई, भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा व्यवस्था, रेस्क्यू ऑपरेशन। जोखिम क्षेत्र खाली कराने (Evacuation) की प्रक्रिया, विद्युत विभाग, बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति को सुरक्षित करना, ट्रांसफॉर्मर, पोल आदि को सुरक्षा की दृष्टि से चिन्हित कर मरम्मत, राहत शिविरों में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना, सूचना विभाग/जिला जनसंपर्क कार्यालय जनसामान्य को आपदा से पूर्व, दौरान और पश्चात जानकारी देना, रेडियो, लाउडस्पीकर, सोशल मीडिया आदि से चेतावनी प्रसारित करना। विभागीय गतिविधियों का प्रचार-प्रसार। ग्रामीण विकास/मनरेगा प्रकोष्ठ ,सूखा प्रभावित क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराना। मनरेगा योजनाओं के अंतर्गत चेक डैम, जल संरक्षण कार्य करना। परिवहन विभाग राहत सामग्री की आवाजाही हेतु परिवहन व्यवस्था। सार्वजनिक परिवहन को सुरक्षित रूट पर संचालित करना। स्वयंसेवी संगठन/एनजीओ/रेड क्रॉस, सामुदायिक स्तर पर राहत वितरण, भोजन, चिकित्सा व स्वच्छता में सहयोग। आपदा के दौरान मानसिक स्वास्थ्य, परामर्श सेवा प्रदान करना। आपातकालीन संपर्क और सहयोग तंत्र, जिला आपदा नियंत्रण कक्ष 24ग्24 घण्टे संचालन, 108 एम्बुलेंस सेवा/ 112 आपातकालीन सेवा स्थानीय सीएचसी/पीएचसी केंद्र आदि से सम्बन्धित समस्त विभाग अपनी कार्ययोजना के अनुसार आवश्यक तैयारियां संभावित बाढ़ एवं सूखा राहत से सम्बन्धित तैयारियां ससमय कर लें। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) श्री रमेश चन्द्र, जिला विकास अधिकारी श्री हेमन्त कुमार सिंह सहित अधिकारीगण उपस्थित रहें।