Prayagraj: ताले वाले महादेव के दर पर हर सावन सोमवार उमड़ती है शिव भक्तों की भीड़. मनोकामना पूरी होने तक लगाते हैं भक्त ताले. प्रयागराज के मुट्ठीगंज में स्थित नाथेश्वर महादेव मंदिर को लेकर शिव भक्तों में अनोखी आस्था है. सावन सोमवार को हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं हाजिरी लगाकर, शिवलिंग पर जलाभिषेक करके मनौती मांगते हैं.
ताले, आस्था और भोलेनाथ: सावन सोमवार को नजर आता है यहां श्रद्धा का अद्भुत संगम
सावन का महीना आते ही देशभर में शिवालयों में हर-हर महादेव के जयघोष गूंजने लगते हैं, लेकिन प्रयागराज के मुट्ठीगंज स्थित नाथेश्वर महादेव मंदिर में कुछ अलग ही नज़ारा देखने को मिलता है.
यहां भक्त केवल जल, बेलपत्र या भांग ही नहीं चढ़ाते, बल्कि अपनी अधूरी इच्छाओं को ताले में बंद करके महादेव को सौंप देते हैं और यही विशेष परंपरा इस मंदिर को लोकप्रिय नाम देती है- ताले वाले महादेव.
क्यों कहते हैं इसे ‘ताले वाले महादेव’ जानिए परंपरा
इस मंदिर में एक अनोखी परंपरा वर्षों से चली आ रही है जो भी भक्त किसी मनोकामना को लेकर यहां आता है, वह मंदिर की दीवार या रेलिंग पर एक ताला लगाता है. यह ताला प्रतीक होता है उस प्रार्थना का, जिसे वह भोलेनाथ के चरणों में छोड़ देता है.
जब उसकी इच्छा पूरी हो जाती है, तो वह आकर वह ताला खोलता है या फिर एक नया ताला लगाकर धन्यवाद अर्पित करता है. यह परंपरा अब इतनी प्रचलित हो चुकी है कि मंदिर की रेलिंग और दीवारें सैकड़ों तालों से सजी रहती हैं, जैसे भोलेनाथ हर प्रार्थना को सहेजकर रखे हुए हों.
हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजता है मंदिर
सावन के सोमवार में सुबह 4 बजे से ही मंदिर परिसर में भक्तों की लंबी कतारें लगनी शुरू हो जाती है. मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार को लेकर तैयारियां चल रही रही हैं. सोमवार को शिवभक्त शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और भांग चढ़ाकर महादेव का अभिषेक करते हैं.
महिलाओं, युवाओं, बुज़ुर्गों, हर वर्ग के लोग यहां नौकरी, विवाह, संतान सुख या मानसिक शांति की कामना लेकर आते हैं. भीड़ को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की व्यवस्था की है. पुलिस बल और स्वयंसेवकों की मौजूदगी से पूजा विधि शांतिपूर्वक संपन्न कराने मदद मिलती है और भक्त आराम से दर्शन कर पाते हैं.
मंदिर समिति की ओर से सावन में विशेष आयोजन
नाथेश्वर महादेव मंदिर समिति के अनुसार:
- सावन के प्रत्येक सोमवार को विशेष पूजन, भजन-कीर्तन और भंडारे का आयोजन किया जाएगा.
- साथ ही श्रद्धालुओं के लिए जलपान व छांव की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है.
आस्था का ये ताला खोलता है विश्वास के नए द्वार
यह सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि प्रतीक है उस भरोसे का, जो भक्त भोलेनाथ पर रखते हैं. जब भी कोई ताला इस मंदिर की रेलिंग पर जुड़ता है, तो उसके पीछे होती है एक कहानी, एक प्रार्थना, एक उम्मीद.
और जब वह ताला खुलता है, तो मानो शिव स्वयं कह रहे हों ‘तव कामः संपूर्णः, मम भक्तः सफलः. यानि तेरी कामना पूरी हुई, मेरा भक्त सफल हुआ.
मंदिर दर्शन से जुड़े मुख्य बिंदु:
- स्थान: श्री नाथेश्वर महादेव मंदिर, मुट्ठीगंज, प्रयागराज
- विशेष महत्व: सावन मास के सोमवार
- परंपरा: मनोकामना के लिए ताला लगाना, पूरी होने पर खोलना
- समय: सुबह 4 बजे से दर्शन शुरू
- व्यवस्था: भंडारा, जल सेवा, सुरक्षा व स्वयंसेवक दल
FAQ
Q1. ताले वाले महादेव मंदिर कहां स्थित है?
यह मंदिर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर के मुट्ठीगंज क्षेत्र में स्थित है.
Q2. इस मंदिर में ताला क्यों लगाया जाता है?
मनोकामना पूरी होने की आशा में भक्त ताला लगाते हैं और पूरी होने पर खोलने या दूसरा ताला चढ़ाने आते हैं.
Q3. क्या सावन के अलावा भी यहां दर्शन किए जा सकते हैं?
हां, मंदिर पूरे वर्ष खुला रहता है, लेकिन सावन के सोमवारों को विशेष भीड़ उमड़ती है.
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Input By : सौरभ मिश्रा