121 दलों को कारण बताओ नोटिस, 55 दलों ने प्रस्तुत किया पक्ष
लखनऊ/एबीएन न्यूज। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवदीप रिणवा ने प्रदेश में पंजीकृत उन राजनीतिक दलों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की है जो पिछले छह वर्षों से लोकसभा और विधानसभा चुनावों में सक्रिय भागीदारी नहीं कर रहे थे।
इसी क्रम में बुधवार, 03 सितम्बर 2025 को मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में सुनवाई आयोजित की गई। इस दौरान दलों द्वारा प्रस्तुत अंशदान रिपोर्ट, वार्षिक लेखा परीक्षण (ऑडिट) रिपोर्ट और निर्वाचन व्यय विवरण सहित सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों की गहन जांच की गई। साथ ही दलों के मोबाइल नंबर, पंजीकरण संख्या, पता और ईमेल भी परखे गए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इन दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 02 और 03 सितम्बर को आयोजित सुनवाई में 121 दलों में से 55 दलों के प्रतिनिधियों ने उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा। केवल 03 सितम्बर की सुनवाई में 51 दलों को बुलाया गया था, जिनमें से 17 दलों के पदाधिकारी ही उपस्थित रहे।
सुनवाई के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया कि प्रत्येक दल को प्रतिवर्ष 30 सितम्बर तक अंशदान रिपोर्ट और 31 अक्टूबर तक आय-व्यय की ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इसके अतिरिक्त, लोकसभा चुनाव के बाद 90 दिनों में तथा विधानसभा चुनाव के बाद 75 दिनों में चुनावी खर्च का ब्यौरा देना अनिवार्य है। 20 हजार रुपये से अधिक के अंशदान की जानकारी भी आयोग को देनी होगी।
बुधवार को हुई सुनवाई में गदर पार्टी (प्रतापगढ़), नवचेतना पार्टी (मैनपुरी), नवीन समाजवादी दल (प्रयागराज), निस्वार्थ सेवा राष्ट्र सेवा पार्टी (प्रयागराज), पूर्वांचल क्रांति पार्टी (जौनपुर), राष्ट्रवादी इंसान पार्टी (प्रयागराज), राष्ट्रवादी समाज पार्टी (कानपुर नगर), राष्ट्रीय बंधुत्व पार्टी (प्रयागराज), आम जन क्रांति पार्टी (इटावा), राष्ट्रीय लोकतंत्र दल (हापुड़), राष्ट्रीय मानव विकास पार्टी (अमरोहा), सामूहिक एकता पार्टी (कानपुर नगर), सर्वप्रिय समाज पार्टी (इटावा), सत्य शिखर पार्टी (अयोध्या), यूथ सोशलिस्ट पार्टी (मुरादाबाद), युवा अनुभव पार्टी (गोरखपुर), भारतीय युवा स्वाभिमान पार्टी (औरैया) समेत अन्य दलों के अध्यक्ष एवं महासचिव उपस्थित रहे।