Ayat al-Kursi Benefits: इस्लाम में कुरान की हर आयत और सूरह की अपनी खास अहमियत है. लेकिन कुछ आयतें ऐसी हैं, जिन्हें पढ़ने को सलाह हादिसों में भी दी गई है. जैसे आयत अल-कुरसी (सूरह बकरा, आयत 255) और कुरान की आखरी तीन सूरहें, सूरह अल-इखलास, सूरह अल-फलक और सूरह अल-नास इनका रोज पढ़ना बहुत फायदेमंद माना जाता है.
ऐसा करने से इंसान के दिल को सुकून, इत्मीनान और अल्लाह की हिफाजत मिलती है. साथ ही, जिंदगी में बरकत और खुशहाली आती है. ये आयतें और सूरहें इंसान को बुराइयों से बचाती हैं और रूहानी ताकत बढ़ाती हैं. आइए जानते हैं इन्हें पढ़ने से क्या फायदे होते हैं.
आयत अल-कुरसी- अल्लाह की हिफाजत
आयत अल-कुरसी को कुरान की सबसे अफजल आयत माना गया है. इसे पढ़ने से इंसान को अल्लाह की तरफ से रहमत और हिफाजत मिलती है. हाडिसों में बताया गया है कि जो इंसान इसे रोजाना पढ़ता है, उसके साथ फरिश्ते होते हैं और शैतान उसके पास नहीं आता. इसे रात में सोने से पहले पढ़ने से पूरे दिन और रात की हिफाजत होती है और मन को भी सुकून मिलता है.
आखिरी तीन सूरह- हर बुराई से पनाह
कुरान की आखिरी तीन सूरहें जिन्हें “मुआव्विजात” कहा जाता है, हर मुसलमान के लिए यह बहुत अहम हैं. इन्हें पढ़ने से इंसान हर तरह की बुरी चीजों से बचा रहता है और दिल और रूह को सुकून मिलता है.
- सूरह अल-इखलास: अल्लाह की एकता और तौहीद का बखूबी बयान करती है. यह सूरह हमें याद दिलाती है कि अल्लाह अकेला है और उसी की इबादत की जानी चाहिए.
- सूरह अल-फलक: इंसान को बाहरी बुराइयों, जलन, नजर और जादू-टोने जैसी चीजों से बचाती है. इसे पढ़ने से बुरी ताकतें इंसान के पास नहीं आ पातीं और उसकी हिफाजत होती है.
- सूरह अल-नास: शैतान की फुसफुसाहट और अंदरूनी बुराइयों से हमें बचाती है. जब इंसान इसे पढ़ता है तो उसके दिल में डर और चिंता कम हो जाती है और मन को सुकून मिलता है.
हदीसों के मुताबिक, अगर कोई इंसान इन तीनों सूरहों को रोजाना सुबह और शाम पढ़े, तो वह हर तरह की बुराई से महफूज रहता है. ये सूरहें न सिर्फ हमारे घर और परिवार की हिफाजत करती हैं बल्कि हमारे दिल और दिमाग को भी शांत रखती हैं. रूहानी ताकत बढ़ाने के लिए यह आदत बेहद फायदेमंद है.
रूहानी और दिल का सुकून
इन आयतों और सूरहों को रोजाना तिलावत करने से दिल और दिमाग को सुकून मिलता है. डर, बेचैनी और बुरे ख्याल दूर हो जाते हैं. बहुत से आलिम कहते हैं कि ये आयतें इंसान की रूह को मजबूत बनाती हैं और उसे अल्लाह के करीब लाती हैं.
बरकत और नेमतों में इजाफा
जो लोग रोजाना आयत अल-कुरसी और मुआव्विजात पढ़ते हैं, उनके घरों में बरकत और खुशहाली आती है. यह सिर्फ इंसान की हिफाजत नहीं करता, बल्कि उसके पूरे परिवार पर अल्लाह की रहमत भी बनी रहती है.
घर का माहौल और खुशगवार हो जाता है और जिंदगी में सुख-शांति और अच्छाई बनी रहती है. इस आदत से इंसान के रिश्तों और जिंदगी में भी बरकत और नेमतों में इजाफा होता है.
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