भारी बारिश के चलते जलभराव
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बिहार के कई इलाकों में भारी बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मौसम विभाग के मुताबिक बिहार के कुछ इलाकों में अगले कुछ दिनों तक और बारिश होने की संभावना है। अगले तीन-चार दिन में बिहार में मानसून के एक बार फिर सक्रिय होने के आसार हैं। आइएमडी के अनुसार अगले दो से तीन दिन बिहार में सामान्य से मध्यम बारिश का दौर जारी देखने को मिल सकता है।
बिहार में मॉनसून एक बार फिर से सक्रिय है। जिसके चलते कई जिलों में सामान्य से मध्यम बारिश देखने को मिल रही है। अभी तक बिहार में बारिश 798 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। यह सामान्य से 19 प्रतिशत कम है। लेकिन लगातार हो रही बारिश के चलते इस आंकड़े में कमी आएगी। हालांकि राहत की बात यह है कि, दक्षिण- पश्चिम यूपी पर सक्रिय चक्रवाती परिसंचरण के मध्यप्रदेश की तरफ खिसक गया है। जिससे बिहार में भारी बारिश का आशंका खत्म हो गई है।
12 जिलों में संकट; लाखों की आबादी परेशान
नेपाल में करीब 72 घंटे से भारी बारिश हो रही है। तबाह होते पड़ोसी राज्य ने अपने यहां हुई बारिश से जमा करीब 11 लाख क्यूसेक पानी बिहार की नदियों में छोड़ दिया है। कोसी-गंडक बराज से रिकॉर्ड पानी छोड़े जाने का असर बिहार के 12 जिलों तक पहुंच चुका है। एक लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। रविवार को इन जिलों में और परेशानी बढ़ सकती है। कोसी-गंडक से जुड़ी नदियों के साथ ही गंगा का जलस्तर पर भी अब परेशानी का सबब बनेगा। पटना तक आफत में है, क्योंकि यहां पहले ही पुनपुन नदी का जलस्तर बढ़ने से हजार से ज्यादा घरों में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है और गंगा का जलस्तर दोबारा बढ़ना मुसीबत होगा।
बारिश ने वडोदरा को डराया
वहीं दूसरी ओर गुजरात के वडोदरा शहर में हुई भारी बारिश ने मुश्किलें खड़ी कर दीं। भारी बारिश के चलते निचले इलाकों में पानी भर गया। शहर में महज दो घंटे में 76 मिमी बारिश दर्ज की गई। जिसके चलते कई इलाकों में जलभराव हो गया और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। यही नहीं भारी बारिश के चलते विश्वामित्री नदी के जलस्तर में भी इजाफा देखने को मिला है।
विश्वामित्री नदी और अजवा झील के जल स्तर में वृद्धि देखे जाने के बाद प्रशासन अलर्ट पर है। विश्वामित्री नदी शाम 5 बजे 20.30 फीट के स्तर पर बह रही थी। जो खतरे के निशान से 25 फीट नीचे है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि, वे बाढ़ जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
वडोदरा नगर निगम आयुक्त दिलीप राणा ने कहा, वडोदरा में थोड़े समय में भारी बारिश हुई, खास तौर पर विश्वामित्री नदी और अजवा झील के जलग्रहण क्षेत्रों में, जिससे जल स्तर बढ़ गया। अगर जरूरत पड़ी तो हम निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि बसें तैयार हैं और अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं।
राणा ने कहा कि, चूंकि, आज के बाद भारी बारिश की कोई चेतावनी नहीं है, इसलिए उम्मीद है कि आने वाले घंटों में पानी का प्रवाह कम होगा। लेकिन जलस्तर को देखते हुए हमने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क कर दिया है। मेयर पिंकी सोनी ने कहा कि भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर शहर प्रशासन ने पहले से तैयारी कर ली थी और चिंता का कोई तत्काल कारण नहीं था।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दक्षिण गुजरात और पड़ोसी क्षेत्रों पर एक चक्रवाती परिसंचरण है, और रविवार सुबह तक 24 घंटे के लिए गुजरात और सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्रों में मानसून की स्थिति मजबूत रही। पूर्वानुमान के अनुसार, सोमवार सुबह तक खेड़ा, आनंद, पंचमहल, दाहोद, वडोदरा, छोटा उदयपुर, नर्मदा और भरूच और सौराष्ट्र के अमरेली और भावनगर जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) ने कहा किगुजरात में इस बार औसत का 136.22 प्रतिशत वर्षा हुई है।
मानसून की विदाई शुरू
1 अक्टूबर के बाद कुछ राज्यों में मौसम साफ हो जाएगा, लेकिन मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, और बिहार में भारी बारिश की संभावना बनी रहेगी। महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा में आज और कल हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, और त्रिपुरा में 1 से 4 अक्टूबर के बीच अच्छी बारिश की संभावना है, जबकि मेघालय में 30 सितंबर से 3 अक्टूबर तक भारी बारिश हो सकती है। केरल, लक्षद्वीप, तमिलनाडु, और कर्नाटक में भी बारिश की संभावना जताई गई है।