मरीज को रेफर करने का चलता रहा खेल, अंत में हो गई उसकी माैत।
– फोटो : Freepik
विस्तार
वाराणसी में 14 लाख 70 हजार रुपये इलाज में खर्च होने के बाद भी एक महिला की मौत हो गई। महिला के पति के प्रार्थना पत्र के आधार पर अदालत के आदेश से चार डॉक्टर और एक आशा कार्यकर्ता के खिलाफ चेतगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
आरोपियों में अनुराग मातृ सदन मैटरनिटी एंड इन्फर्टिलिटी सेंटर चेतगंज की डॉ. स्वर्णलता सिंह, एलायंस हॉस्पिटल रमाकांत नगर के डॉ. जावेद इकबाल, महाश्वेता हॉस्पिटल जिला जेल रोड के डॉ. विद्या शंकर पांडेय, संतोष मल्टी स्पेशियलिटी हाॅस्पिटल एवं सर्जिकल सेंटर पड़ाव के डॉ. जीडी गुप्ता और हनुमान घाट की आशा कार्यकर्ता अन्नू देवी का नाम शामिल है।
शिवाला निवासी भानू साहनी के अनुसार उसकी पत्नी सुमन देवी माहवारी संबंधित समस्या से ग्रसित थी। अन्नू उसके घर आई और सुमन को उपचार के लिए डॉ. स्वर्णलता सिंह के पास ले गई। सुमन को भर्ती कर बच्चेदानी का ऑपरेशन किया गया। इलाज पर लगभग 70,000 रुपये खर्च आया।
डिस्चार्ज होने पर सुमन को उल्टी के साथ खाना न पचने की शिकायत शुरू हो गई। दोबारा डाॅ. स्वर्णलता सिंह के पास ले जाने पर उन्होंने एक दिन उपचार किया और डाॅ. जावेद इकबाल के पास रेफर कर दिया। डॉ. जावेद इकबाल ने पुन: ऑपरेशन किया और लगभग चार लाख रुपये खर्च आया। फिर तबीयत खराब होने पर डाॅ. इकबाल ने डॉ. विद्या सागर पांडेय के पास रेफर कर दिया। लगभग पांच लाख रुपये खर्च करने पर डॉ. विद्यासागर पांडेय ने ऑपरेशन किया।
उसके बाद डाॅ. विद्या सागर पांडेय ने उसे डाॅ. जीडी गुप्ता के यहां रेफर कर दिया। डॉ. जीडी गुप्ता के यहां लगभग पांच लाख रुपये खर्च हुआ और फिर काशी अस्पताल, बीएलडब्लू भिखारीपुर ले जाने पर सुमन की मौत हो गई। शंभू ने कहा कि पुलिस से शिकायत करने पर भी सुनवाई नहीं हुई तो वह अदालत की शरण में गया।