बसंत पंचमी 2 फरवरी 2025 को है. माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर विद्या, वाणी और ज्ञान की देवी सरस्वती प्रकट हुईं थी.
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा के लिए सुबह 7.09 से दोपहर 12.35 तक पूजा का मुहूर्त है. माघ शुक्ल पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 9.14 से शुरु होकर 3 फरवरी को सुबह 6.52 तक रहेगी.
मांगलिक कार्यों के लिए बसंत पंचमी का दिन बहुत अच्छा माना जाता है. शादी से लेकर गृह प्रवेश या कुछ नया काम इस दिन शुरू करने पर उसमें सफलता मिलती है.
शास्त्रों के अनुसार इस तिथि को अबूझ मुहूर्त बनता है, जिसमें पंचांग देखने की जरूरत नहीं होती है. इस दिन बिना मुहूर्त देखे शादी विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश सहित अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं.
बच्चा पढ़ाई में पिछड़ा रहता हैं या उसका मन पढ़ने में नहीं लगता. तो आप बसंत पंचमी की सुबह घर के पूजा स्थान पर अभिमंत्रित सरस्वती यंत्र रखकर, सफेद चंदन, पीले और सफेद पुष्प अर्पित करके धूप-दीप करें और ऊँ हृं हृं हृं सरस्वत्यै नमः इस मंत्र का 11 माला जाप करें. मान्यता है इससे बच्चे का बौद्धिक विकास होता है.
बसंत पंचमी पर बच्चों के हाथों मां सरस्वती की पूजा कराएं और जरुरतमंदों को किताबें भेंट कराएं. इससे वाणी दोष दूर होता है. स्मरण शक्ति तेज होती है. बच्चों का मन आध्यात्म की ओर अग्रसर रहता है.
Published at : 21 Jan 2025 12:43 PM (IST)
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