Hindu Godh Bharai, Seema Haider: प्यार की खारित सरहद पार कर पाकिस्तान से भारत आई सीमा हैदर एक बार फिर चर्चा में हैं. सीमा हैदर मुस्लिम हैं, उन्होंने भारत के हिंदू लड़के सचिन मीणा से हिंदू रीति रिवाज से शादी की थी. इसके बाद अब सीमा हैदर मां बनने वाली हैं. सीमा 7 माह की प्रेग्नेंट हैं और अब हिदूं परंपरा से ही उनकी गोद भराई की रस्में निभाई जाएगी. हिंदू धर्म में गोद भराई का क्या महत्व है, कैसे निभाई जाती है ये रस्म जानें.
हिंदू धर्म में गोद भराई की रस्म
गोद भराई एक प्राचीन भारतीय परंपरा है. गोद भराई का मतलब होता है प्रेगनेंट महिला की गोद को खुशियों, प्यार और आशीर्वाद से भर देना. जब बच्चा मां के गर्भ में होता है तो गोदभराई की जाती है और आने वाले बच्चे के अच्छे स्वास्थ की कामना की जाती है.
गोद भराई क्यों की जाती है ?
गोद भराई की रस्म होने वाले बच्चे के अच्छे स्वास्थ के लिए की जाती है. उस समय विशेष पूजा से गर्भ के दोषों का निवारण तो किया ही जाता है साथ ही गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य के लिए यह पूरी प्रक्रिया की जाती है.
कैसे होती है गोद भराई ?
गोद भराई की रस्म में बच्चे के लिए विशेष पूजा की जाती है ताकि जो भी संतान पर अगर कोई दोष हो वह दूर हो जाए और बच्चे पर कोई आंच न आए. इस पूजा के जरिये बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जाती है. कहते हैं ये पूजा गर्भ में पल रहे शिशु को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है. इसमें महिलाएं गर्भवती की फल, मिठाई, मेवे से गोद भरती हैं और आशीर्वाद प्रदान करती है.
किस महीने में होती है गोद भराई
भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी परंपरा अनुसार गोद भराई की रस्म निभाई जाती है.आमतौर पर गोद भराई की रस्म गर्भावस्था के सातवें महीने में की जाती है, क्योंकि इस दौरान गर्भ में पल रहा बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित होता है, मां और बच्चे को अच्छा आहार मिल सके इसलिए इस रस्म में गर्भवती को सूखे मेवे, फल कई पौष्टिक चीजें गोदी में दी जाती है. जिसे मां को ही खाना होता है, ताकि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहे.
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