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बॉलीवुड का वो हैंडसम हंक विलेन जो अपने समय पर बॉलीवुड के बड़े-बड़े स्टार्स को मात देता था. अपनी परफॉर्मेंस से ये लोगों के पसीने छुड़ा देता था. उस दौर में ये एक्टर धर्मेंद्र और अमिताभ से भी ज्यादा फीस चार्ज किया…और पढ़ें
अमिताभ संग दे चुके कई हिट
हाइलाइट्स
- प्राण 60-70 के दशक के हैंडसम विलेन थे.
- प्राण की फीस अमिताभ और धर्मेंद्र से ज्यादा थी.
- राजेश खन्ना के साथ प्राण को कास्ट करना मुश्किल था.
नई दिल्ली. फिल्मों में अक्सर लीड हीरो को पूरी तरह सजाकर पेश किया जाता है. लेकिन 60-70 के दशक में एक ऐसा विलेन था, जो अपनी लुक से लीड हीरो पर भी भारी पड़ता नजर आता था. कद काठी देख लोग इन्हें हीरो समझ बैठते थे. उनके पोस्टर हमेशा हाइलाइट होते थे. इस एक्टर को राजेश खन्ना के साथ कास्ट करना तो मेकर्स के लिए बहुत मुश्किल होता था.
70 के दशक का वो हैंडसम हंक विलेन कोई और नहीं अपने समय के जाने माने अभिनेता प्राण हैं. विलेन बनकर तो वह हीरो को भी पछाड़ दिया करते थे. बॉलीवुड के वो विलेन जो भारत में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले एक्टर थे. बतौर हीरो उन्होंने पंजाबी फिल्मों में काम किया था. लेकिन हिंदी फिल्मों में आने के बाद विलेन बन गए थे.
हीरो से ज्यादा फीस चार्ज करने वाला विलेन
प्राण ने इंडस्ट्री में ऐसी धाक जमा रखी था कि वह उस दौर में ज्यादातर हर फिल्म में नजर आते थे. लेकिन मेकर्स के लिए उन्हें अपनी फिल्मों में लेना आसान नहीं होता था. उस टाइम के पॉपुलर हीरो मनोज कुमार, जीतेंद्र, धर्मेंद्र, सुनील दत्त, विनोद खन्ना, यहां तक की अमिताभ बच्चन की भी फीस इतनी नहीं होती थी, जितनी प्राण की होती थी. 80 के दशक की शुरुआत में जब तक अमिताभ बच्चन ने अपनी फीस बढ़ाकर 12 लाख नहीं की थी, तब तक प्राण ही सबसे ज्यादा फीस चार्ज किया करते थे.
राजेश खन्ना के साथ कास्ट करना होता था मुश्किल
प्राण को जिंदादिली और संजीदा मिजाज के लिए भी पहचाना जाता था. अपने दौर के वह हाइएस्ट पेड एक्टर्स में से एक रहे हैं. राजेश खन्ना और उन्हें एक फिल्म में कास्ट करना तो उस दौर में मुमकिन ही नहीं हो पाता था. क्योंकि उस दौर में फिल्म का बजट बहुत ज्यादा नहीं होता था और फिर किसी भी फिल्म में इन दोनों को कास्ट करना किसी भी मेकर्स के लिए मुमकिन नहीं हो पाता था.
बता दें कि 1950 से 60 के दौरान प्राण ने अपने काम से लोगों के बीच ऐसी पहचान बनाई थी कि उनके विलेन के रोल देखकर कोई भी अपना बच्चे का नाम प्राण नहीं रखता था. लोगों को लगता था कहीं बच्चा नेगेटिव बिहेवियर वाला ना हो जाए.
New Delhi,New Delhi,Delhi
March 01, 2025, 05:01 IST