Premanand Ji Maharaj Vachan: प्रेमानंद जी महाराज एक महान संत और विचारक हैं जो जीवन का सच्चा अर्थ समझाते और बताते हैं. प्रेमानंद जी के अनमोल विचार जीवन को सुधारने और संतुलन बनाएं रखने में मार्गदर्शन करते हैं.
प्रेमानंद जी महाराज का मानना है कि अगर भगवान से हमारा लगाव नहीं है, नाप जप नहीं कर रहें और भगवान की आराधना नहीं कर रहे तो ग्रह नक्षत्र जो विपरित हैं वो अपना प्रभाव जरुर दिखाएंगे. यदि आप भगवान का नाम जप कर रहे हैं तो कुछ ऐसा नहीं होगा. प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि ”जानकी नाथ सहाय करें जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो.” यदि कृष्ण चरण में मन अर्पित हैं तो नव ग्रह नक्षत्र कुछ नहीं बिगड़ सकते. जब हम भगवत विमुख होते हैं तो हमारे कर्म खोटे हो जाते हैं तो ग्रह नक्षत्र विपरित हो जाते हैं. जब हम भगवान के समुख होते हैं और हमारे कर्म अच्छे होते हैं तो ग्रह विपरित होते हुए भी हमारा मंगल करेंगे.
शनि, राहु, केतु, मंगल, गुरु यह सभी ग्रह भगवान के शासन में हैं. जब हम भगवान का चिंतन करेंगे तो इनके द्वारा कुछ अनिष्ट नहीं होगा. अगर हम इनकी आराधना कर देते हैं तो कुछ समय के लिए शांत हो जाएंगे और फिर अनिष्ट करेंगे. अगर भगवान का भजन करेंगे तो बिलकुल शांत हो जाएंगे. भले ही शनि की साढ़ेसाती चल रही हो अगर आप आराधना कर रहे हैं तो आपका कोई बाल भी बांका कर सकता है आपका मंगल ही होगा. अगर आप किसी का बुरा चाहेंगे या करेंगे आप दूसरों का शोषण करेंगे फिर आप चाहे आप जितना भी तेल चढ़ाओं आपका भला नहीं होगा. भगवान की आराधना से समस्त ग्रह, देवी-देवताओं को प्रसन्न किया जा सकता है. अगर भगवान का नाम जप कर रहे हैं तो कोई भूत-प्रेत हमे स्पर्श नहीं कर सकता. भगवान का नाम जपते रहो और आपका कल्याण होगा.
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