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Bollywood Actress Painful life: एक्ट्रेस को बॉलीवुड की ट्रेजेडी क्वीन कहा जाता है. उन्हें जिंदगी ने खूब गम दिए. एक्ट्रेस के पिता अली बक्स ने उन्हें सिर्फ 4 साल की उम्र में कैमरे का सामना करने के लिए मजबूर किया था, लेकिन आखिर में उन्हें अपने घर से ही बेदखल कर दिया. एक्ट्रेस ने अपनी शादी के खातिर 2 लाख रुपये चुकाए थे. वे 39 साल की छोटी उम्र में चल बसी थीं.
नई दिल्ली: एक बच्चे के लिए कैमरे का सामना करना त्रासदी से कम नहीं. डेजी ईरानी, रेखा, मधुबाला जैसी एक्ट्रेस ने छोटी उम्र में फिल्म सेट पर बुरे हालात का सामना किया था. उनके माता-पिता उन्हें फिल्मों में काम करने के लिए मजबूर करते थे. ‘ट्रैजेडी क्वीन’ मीना कुमारी की ऐसी ही शुरुआत हुई थी. उन्होंने जब 4 साल की उम्र में फिल्मों में काम करना शुरू किया और जल्द ही अपने पूरे परिवार की देखभाल करने लगीं. (फोटो साभार: Instagram@meenakumarijifc)

मीना कुमारी का जन्म अली बक्स और इकबाल बेगम के घर 1933 में मुंबई (अब बॉम्बे) के दादर के एक चॉल में हुआ था. उन्हें 4 साल की उम्र में कैमरे के सामने धकेल दिया गया था. उनकी बड़ी बहन खुर्शीद पहले से ही एक चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में काम रही थीं, क्योंकि उनके पिता उन्हें एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो चक्कर कटवाते थे. (फोटो साभार: Instagram@meenakumarijifc)

मीना के पिता अली एक संगीतकार थे और पाकिस्तान से मुंबई चले आए थे. इंडियन एक्प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने इकबाल बेगम से शादी की, जो पहले एक हिंदू थीं जिनका नाम प्रभावती था, जिनका कनेक्शन रवींद्रनाथ टैगोर के परिवार से था. उनके तीन बेटियां थीं – खुर्शीद, मीना और मधु. (फोटो साभार: Instagram@meenakumarijifc)

कहा जाता है कि मीना के जन्म के समय अली खुश नहीं थे और कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि उन्होंने उसे एक अनाथालय के बाहर छोड़ दिया था, लेकिन कोई भी इस दावे को साबित नहीं कर पाया है. उनका चॉल एक अनाथालय के बगल में था और शायद, इससे यह अफवाह फैली थी.(फोटो साभार: Instagram@meenakumarijifc)

मीना एक मासूम चार साल की बच्ची थीं जब उन्होंने पहली बार कैमरे का सामना किया. विनोद मेहता की किताब ‘मीना कुमारी – द क्लासिक बायोग्राफी’ में एक्ट्रेस ने कहा था, ‘पहले दिन जब मैं काम पर गई, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं बचपन की खुशियों को अलविदा कह रही हूं. मैंने सोचा था कि मैं कुछ दिनों के लिए स्टूडियो जाऊंगी और फिर स्कूल जाऊंगी, कुछ चीजें सीखूंगी और अन्य बच्चों की तरह खेलूंगी और मस्ती करूंगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.’ (फोटो साभार: Instagram@meenakumarijifc)

अली अपनी बेटियों को स्कूल भेजने के पक्ष में कभी नहीं थे, क्योंकि उनका मानना था कि यह बेकार की चीज थी और इसलिए उन्होंने अपनी सभी बेटियों को बच्चों के रूप में काम पर लगा दिया. फिल्म ‘लेदर फेस’ के लिए निर्देशक विजय भट्ट ने मीना को 25 रुपये पेमेंट दी थी. विनोद ने आरएसटीवी के साथ एक बातचीत में कहा, ‘वह कमाने का जरिया बन गए थी. उसका बचपन सामान्य नहीं था. 6-7 साल की उम्र से उसे बाल कलाकार के रूप में जगह-जगह ले जाया जा रहा था और उसने जो पैसा कमाया, उस पर परिवार सर्वाइव कर रहा था.’ (फोटो साभार: Instagram@meenakumarijifc)

15 साल से कम उम्र की तीन लड़कियों ने इतना पैसा कमाया कि परिवार अपने चॉल से बाहर निकल गया और बांद्रा के चैपल रोड पर एक घर में रहने चला गया और अली ने उनके करियर को कंट्रोल करने में खुद को झोंक दिया. इकबाल बेगम ने एक डांसर के रूप में अपना करियर छोड़ दिया. जब उन्हें फेफड़ों का संक्रमण हुआ जो अंततः कैंसर में बदल गया, और अली ने अपने संगीतकार के करियर को छोड़ दिया.(फोटो साभार: Instagram@meenakumarijifc)

मीना के माता-पिता हमेशा अपनी बेटियों के सामने पैसे को लेकर झगड़ते रहते थे और बहुत कम उम्र से उन्हें बताया गया कि किसी का उनके कमाए पैसों पर निर्भर करता था. मीना पढ़ना चाहती थीं लेकिन उसके लिए कभी पैसे नहीं थे. मीना ने कुछ ट्यूटरों की मदद से पढ़ना सीखा और जब भी उन्हें मौका मिला, उन्होंने एक किताब उठाई और एक कोने में बैठ गईं. मीना कुमारी के हवाले से मेहता की किताब में लिखा है, ‘मेरी रुचि सिर्फ पढ़ना था और जब स्टूडियो में दूसरे बच्चे कंपाउंड में खेलने जाते थे. मैं एक कोने में चली जाती थी और बच्चों की किताबों की दुनिया में खो जाती थी.’ (फोटो साभार: Instagram@meenakumarijifc)

मीना ने एक प्लेबैक सिंगर के रूप में भी अपना करियर शुरू किया. उन्होंने 1941 में ‘बहन’ नाम की फिल्म में अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया और एक एक्टर के रूप में काम करना जारी रखा. वह कभी-कभी सेट पर एक बच्चे की तरह बर्ताव करती थीं. आखिरकार, वह एक बच्ची थीं. उन्होंने कहा था, ‘मुझे याद है एक बार मुझे सेट पर ‘शूट’ के लिए कहा गया और मरने के लिए कहा गया. मैंने गिरने से इनकार कर दिया और उन्हें मुझे आज्ञा मानने के लिए बल का इस्तेमाल करना पड़ा.’ (फोटो साभार: Instagram@meenakumarijifc)

मीना ने फिल्मी करियर में सफल होने के बाद कमल अमरोही से शादी करने का फैसला किया. वह जानती थीं कि अली उनकी शादी के लिए कभी सहमत नहीं होंगे, इसलिए उन्होंने और कमल ने इसे तब तक सीक्रेट रखने का फैसला किया, जब तक कि वह पिता को देने के लिए 2 लाख रुपये इकट्ठा नहीं कर लेतीं. (फोटो साभार: Instagram@meenakumarijifc)

मीना अपने पिता के घर में एक और साल तक रहीं और उन्होंने कभी उसे छोड़ने के लिए नहीं कहा, क्योंकि वह पैसा कमा कर दे रही थीं. मीना ने कमाल अमरोही के साथ एक फिल्म में काम करने का फैसला किया, जबकि अपने पिता के ऑफर को नकार दिया. उन्होंने उस घर के दरवाजे मीना के लिए बंद कर दिए, जिसे बनाने के लिए उनका बड़ा योगदान था. विनोद मेहता के अनुसार, उन्होंने उसे एक पत्र लिखा जिसमें लिखा था, ‘बाबूजी, जो कुछ भी हुआ है मैंने छोड़ दिया है. प्लीज अदालत जाने की बात न करें. वह बचकाना होगा. मुझे आपके घर से कुछ नहीं चाहिए, सिवाय मेरे कपड़ों और किताबों के. यह कार जो मेरे पास है मैं आपको कल भेज दूंगी. मेरे कपड़े और बाकी चीजें अपनी सहूलियत के हिसाब से भेज सकते हैं.’ (फोटो साभार: Instagram@meenakumarijifc)

मीना की त्रासदी तब शुरू हुईं, जब वह एक छोटी बच्ची थीं. वे एक छाया की तरह हमेशा उनका पीछा करती रहीं. अली बक्स ने उन्हें एक ऐसी दुनिया में धकेल दिया, जिसने उन्हें पूरी तरह से निगल लिया और अच्छी बेटी होने के नाते, उन्होंने अंत तक अपने आसपास के सभी लोगों का सपोर्ट किया.(फोटो साभार: Instagram@meenakumarijifc)