भारत सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र और बाजार में निवेश को लेकर बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत भारत ने रूसी कंपनियों को अपने अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश करने और देश के विशाल बाजार का लाभ उठाने का न्योता दिया है। मास्को स्थित भारतीय राजदूत विनय कुमार ने यह बात भारतीय दूतावास में आयोजित दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर कही। इस दौरान उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने अंतरिक्ष उद्योग में अनुकूल माहौल बनाने के लिए कई आकर्षक योजनाएं शुरू की हैं। यह कार्यक्रम 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 मिशन के तहत चंद्रमा पर प्रज्ञान रोवर की सफल तैनाती की वर्षगांठ पर आयोजित किया गया था।
भारत और रूस के पुराने अंतरिक्ष सहयोग को किया याद
कार्यक्रम में बात करते हुए राजदूत कुमार ने भारत और रूस के दशकों पुराने अंतरिक्ष सहयोग की याद दिलाया। उन्होंने कहा कि भारत और रूस की स्पेस एजेंसियां इसरो और रॉसकॉसमोस दोनों मिलकर गगनयान मिशन पर काम कर रही हैं। बता दें कि राजदूत कुमार भारत और रूस के उस अंतरिक्ष सहयोग का जिक्र कर रहे थे, जिसमें 1975 में भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट सोवियत रॉकेट से लॉन्च किया गया था और 1984 में राकेश शर्मा ने सोयूज टी-11 यान से अंतरिक्ष की यात्रा की थी।
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अंतरिक्ष और भारतीय परंपरा पर बोले कुमार
इसके साथ ही राजदूत कुमार ने आगे कहा कि जहां अंतरिक्ष को एक उद्योग के रूप में हाल ही में देखा गया है, वहीं भारत की परंपरा में यह वेदों के समय से जीवन का हिस्सा रहा है। उन्होंने बताया कि आर्यभट्ट जैसे विद्वानों ने ग्रहों की गति और उनके प्रभावों का अध्ययन बहुत पहले ही कर लिया था।
गौरतलब है किभारतीय दूतावास में आयोजित दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के कार्यक्रम में भारतीय दूतावास की केंद्रीय विद्यालय के छात्रों और जवाहरलाल नेहरू सांस्कृतिक केंद्र के कलाकारों ने अंतरिक्ष पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं। रूस की स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमोस के अधिकारी और विशेषज्ञ भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।
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