बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने आगामी 7 सितंबर को लखनऊ में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. इस बैठक में पार्टी के सभी जिला प्रभारी, जिलाध्यक्ष और कोऑर्डिनेटर हिस्सा लेंगे. BSP प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने बताया कि यह बैठक बेहद अहम होगी, जिसमें कई बड़े मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है.
हालांकि उन्होंने पार्टी की रणनीति को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दी, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह बैठक आगामी उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2025 की तैयारियों और संगठनात्मक बदलावों को लेकर केंद्रित होगी.
पंचायत चुनाव 2025 की रणनीति पर जोर
सूत्रों के मुताबिक, मायावती इस बैठक में पंचायत चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर सक्रिय करने और रणनीति को मजबूत करने के निर्देश दे सकती हैं. पार्टी का लक्ष्य गांव-गांव तक अपनी पहुंच बढ़ाना और कार्यकर्ताओं को पूरी तरह चार्ज करना है. इसके लिए संगठन विस्तार के तहत गांवों में चौपाल लगाने की योजना पर भी चर्चा हो सकती है. साथ ही, जमीन पर काम न करने वाले पदाधिकारियों को हटाने का फैसला भी लिया जा सकता है, ताकि संगठन में नई ऊर्जा का संचार हो.
आकाश आनंद की भूमिका और संगठनात्मक बदलाव
हाल ही में मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को फिर से राष्ट्रीय संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी है. इस नियुक्ति के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि 7 सितंबर की बैठक में संगठन स्तर पर बड़े बदलाव हो सकते हैं. आकाश आनंद को मिली जिम्मेदारी के बाद पार्टी युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने और नई रणनीति अपनाने की दिशा में काम कर रही है. माना जा रहा है कि इस बैठक में आकाश आनंद की भूमिका को और मजबूत करने के साथ-साथ संगठन में नई जिम्मेदारियां बांटी जा सकती हैं.
कांशीराम की पुण्यतिथि पर बड़ा आयोजन
बैठक में 9 अक्टूबर को बीएसपी के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि के अवसर पर लखनऊ में प्रस्तावित बड़े कार्यक्रम पर भी चर्चा होने की संभावना है. पार्टी इस दिन एक विशाल कार्यक्रम आयोजित कर अपनी ताकत का प्रदर्शन करना चाहती है. यह आयोजन न केवल कांशीराम के योगदान को याद करने का अवसर होगा, बल्कि बसपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों को एकजुट करने का भी मंच होगा.
BSP की रणनीति और चुनौतियां
BSP ने हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कई रणनीतिक कदम उठाए हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को कोई सीट नहीं मिली, जिसके बाद मायावती ने संगठन को पुनर्जनन करने पर जोर दिया है. आकाश आनंद की वापसी और उनकी सक्रियता से पार्टी युवा वोटरों और दलित समुदाय को फिर से जोड़ने की कोशिश कर रही है. पंचायत चुनाव में मजबूत प्रदर्शन के जरिए BSP अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की रणनीति बना रही है.