Mahashivratri 2025: प्रयागराज महाकुंभ का समापन 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के स्नान पर्व के साथ होगा. ग्रहों और नक्षत्रों के विशेष संयोग के चलते इस बार की शिवरात्रि बेहद पुण्यदायक बताई जा रही है. प्रयागराज महाकुंभ में तो इसका महत्व और भी कई गुना बढ़ गया है.
कुंभ स्नान के लिए महाशिवरात्रि पर माघी पूर्णिमा से भी बेहतर संयोग
जाने माने ज्योतिषाचार्य हरि कृष्णा शुक्ल के मुताबिक, महाकुंभ में महाशिवरात्रि पर मौनी अमावस्या से भी बेहतर विशेष संयोग बन रहा है. इस बार सूर्य का चुंबकीय प्रभाव बहुत ही दिव्य है. ऐसा दैवीय संयोग सैकड़ो सालों के बाद बन रहा है. इस बार की महाशिवरात्रि पर चतुर्ग्रहीय योग बन रहा है. इसमें शिवयोग भी शामिल है. महाशिवरात्रि पर शिवयोग बेहद फलदायक और कल्याणकारी होता. इस बार सारे ग्रह एलाइंड (संरेखित) हो रहे हैं.
इस दिन खत्म हो सकता है रूस-यूक्रेन युद्ध, ज्योतिष ने की भविष्यवाणी
धर्म और ज्योतिष के जानकार आचार्य हरिकृष्ण शुक्ला के मुताबिक, ग्रहों की ऐसी अद्भुत युति पहले शायद ही कभी आई हो. इस बार सारे ग्रह शुभ राशियों में है. इससे दुनिया में सुख शांति होगी. आचार्य हरिकृष्ण शुक्ल ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि ग्रहों और नक्षत्रों का खास संयोग पूरे विश्व में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करेगा. यह समूचे विश्व में सुख-शांति और खुशहाली लाएगा और दुनिया में नए वर्क आर्डर की रचना होगी. उन्होंने दावा किया कि महाशिवरात्रि के विशेष संयोग के चलते रूस यूक्रेन युद्ध खत्म हो जाएगा. उनके मुताबिक रूस और यूक्रेन का युद्ध 30 मार्च तक खत्म हो जाएगा.
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, ग्रहों के प्रभाव से अच्छे लोग शक्तिशाली होंगे. शिवरात्रि पर बनने वाला शिवयोग चमत्कारिक और अद्भुत योग है. यह पूरे भारत और विश्व के लिए सकारात्मक रूप से चौंकाने वाला होगा. ग्रहों की शक्तियां संगम के जल को और अधिक प्रभावी व ऊर्जावान करेंगी. श्रद्धालुओं का रोम रोम सकारात्मक ऊर्जा से भरेगा और ज्ञान का संचार होगा. यह समस्त पापों को नष्ट करके आत्मा परमात्मा का बोध कराएगा. बीमारियां दुर्भाग्य और दुख से भी मुक्ति मिलेगी.
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस बार महाशिवरात्रि पर 24 घंटे का शुभ योग है. महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु 26 फरवरी को सूर्योदय से लेकर 27 फरवरी को सूर्योदय से पहले तक डुबकी लगाकर पुण्य कमा सकते हैं. उन्होंने बताया कि सूर्य, शनि, चंद्रमा और बुद्ध सभी एक साथ हैं. यह चतुर्ग्रही योग है, जोकि राजयोग और सन्यास देता है. सारे ग्रह शुभ राशियों में हैं. ग्रहों की वजह से गंगा यमुना की शक्ति भी कई गुना बढ़ जाती है. महाशिवरात्रि पर शांत मन से हृदय को पवित्र करते हुए मां गंगा को प्रणाम करें. आचमन करें, स्नान करें और समर्पण भाव से आए तो अहंकार समाप्त होगा और हर तरह से पुण्य प्राप्त होगा.
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