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बेंगलुरु एयरपोर्ट पर कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव के कब्जे से 14.8 किलोग्राम सोना बरामद होने के बाद पूरे देश में हल्ला मचा हुआ है. लेकिन आज से पांच साल पहले 167 किलो सोने की तस्करी का मामला सामने आया था. जिसे…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- रान्या राव के पास से 14.8 किलो सोना बरामद हुआ.
- 2020 में केरल में 167 किलो सोने की तस्करी का मामला उजागर हुआ.
- केरल तस्करी मामले में स्वप्ना सुरेश मुख्य आरोपी थी.
Ranya Rao Gold Smuggling Case:: बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव के कब्जे से 14.8 किलोग्राम सोना बरामद होने के बाद पूरे देश में हल्ला मचा हुआ है. लेकिन, पांच साल पहले केरल में हुए इस मामले पर नजर डालें तो रान्या राव के कब्जे से बरामद सोना महज ‘चुटकी’ मात्र है. पांच साल पुराने इस मामले का खुलासा होने के बाद नकेवल पूरे देश, बल्कि पूरी दुनिया में हल्ला मच गया था. तस्करी के इस मामले को दुनिया का सबसे बड़ा सोने की तस्करी का मामला माना गया था.
दरअसल, 2020 में केरल से सोने की तस्करी का बहुत बड़ा मामला उजागर हुआ था. इस मामले से जुड़े आरोपियों के राजनीतिक संबंध थे, लिहाजा मामले की जांच का दायरा प्रवर्तन निदेशालय (ED) और राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (NIA) तक पहुंच गया था. इस मामले की जांच से जुड़ी एजेंसियों ने कुल 167 किलो सोना बरामद किया था, जिसकी कीमत उस समय करीब 14 मिलियन डॉलर आंकी गई थी. जांच के दौरान यह खुलासा हुआ था कि तस्करी के जरिए लाए गए सोने को दस्तावेजों में राजनयिक सामान बताया गया था.
कंटेनर में भर-भर कर लाया गया सोना
रिपोर्ट्स के अनुसार तस्करी का मामला किसी एक दिन का नहीं, बल्कि कई महीनों तक चलने वाला था, जिसमें लगातार सोने की कंसाइनमेंट भारत भेजी जा रही थीं. जुलाई 2020 में जब सोना जब्त किया गया, तो उसकी मात्रा 167 किलोग्राम थी, हालांकि अधिकारियों का मानना है कि वास्तविक तस्करी का आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकती है. जांच में यह भी सामने आया था कि सोने को दुबई से मंगवाया गया था और इसे राजनयिक चैनलों के जरिए भारत में तस्करी किया गया, जिससे यह खुलासा हुआ कि यह एक अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क का हिस्सा था.
कैसे तस्करी को दिया गया अंजाम
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह सोना थिरुवनंतपुरम में स्थित यूएई काउंसलेट के लिए भेजे गए राजनयिक सामान के रूप में भारत लाया गया था. चूंकि यह सामान राजनयिक छूट के तहत था, इसे कस्टम जांच से बाहर रखा गया. तस्करों ने इस छूट का गलत फायदा उठाते हुए सोने को राजनयिक सामान के तौर पर छिपा दिया. मामले का खुलासा होने के बाद इस मामले में स्वप्ना सुरेश, सरिथ पी.एस और एम. शिवशंकर को आरोपी बनाया गया था. ये तीनों आरोपी कोई सामान्य नागरिक नहीं थे, बल्कि जानी मानी हस्तियों में से एक थे.
कौन लेकर आया 167 किलो सोना
यूएई काउंसलेट का एक और पूर्व कर्मचारी पीएस सरिथ के गिरफ्तारी के बाद तस्करी के पूरा नेटवर्क उजागर हुआ था. वहीं, इस मामले में यूएई काउंसलेट की पूर्व कर्मचारी स्वप्ना सुरेश को तस्करी का प्रमुख आरोपी माना गया था. स्वप्ना सुरेश के केरल सरकार के उच्च अधिकारियों के साथ घनिष्ठ संबंध थे. इसके अलावा, केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व प्रमुख सचिव एम शिवशंकर का नाम भी इस मामले से जुड़ा था. उन्हें स्वप्ना सुरेश से कथित संबंधों के कारण निलंबित किया गया था.
केरल की राजनीति में मचा था बवाल
इस तस्करी के खुलासे ने केरल में राजनीतिक उथल-पुथल मचा दी. विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ सरकार पर तस्करी में शामिल होने का आरोप लगाया. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (NIA) ने जांच शुरू की, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद वित्तपोषण के पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच को आगे बढ़ाया गया था.
March 06, 2025, 18:02 IST