नेपाल सरकार ने हिंसक प्रदर्शनों के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटाने का एलान किया है। प्रतिबंध हटाने की घोषणा पीएम केपी शर्मा ओली की सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरूंग ने की। भ्रष्टाचार, असमानता और घोटालों के आरोप लगाते हुए देश की जनता ने संसद तक पहुंच कर अपना आक्रोश व्यक्त किया। युवाओं के गुस्से की आग से संकट को गहराता देख सरकार ने सोमवार देर रात कैबिनेट बैठक बुलाई। बता दें कि नेपाल की पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में 19 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 250 से अधिक घायल भी हुए हैं।
सरकार को प्रतिबंध के निर्णय पर खेद नहीं
सोमवार देर रात हुई कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरूंग ने कहा कि सरकार को अपने पहले के निर्णय पर खेद नहीं है, लेकिन आंदोलन को देखते हुए प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं। नेपाल में सोशल मीडिया के इस्तेमाल का रास्ता दोबारा खोला जा रहा है। उन्होंने ‘जेन-ज़ी’ (युवाओं के समूह) से आंदोलन खत्म करने की अपील भी की।
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प्रतिबंध के समर्थन में सरकार की दलील
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह नेपाल सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब, स्नैपचैट, पिंटरेस्ट और एक्स (पूर्व ट्विटर) समेत कई प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल प्रतिबंधित कर दिया था। सरकार ने कहा कि ये कंपनियां नए नियमों के तहत पंजीकरण की समयसीमा का पालन नहीं कर सकीं, इसलिए बैन लगाया जा रहा है। सरकार ने यह भी कहा था कि फर्जी आईडी, नफरत फैलाने वाली सामग्री, धोखाधड़ी और साइबर अपराध रोकने के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है।
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