Premanand Ji Maharaj Vachan: प्रेमानंद जी महाराज एक महान संत और विचारक हैं जो जीवन का सच्चा अर्थ समझाते और बताते हैं. प्रेमानंद जी के अनमोल विचार जीवन को सुधारने और संतुलन बनाएं रखने में मार्गदर्शन करते हैं.
प्रेमानंद जी महाराज के अनमोल वचनों से जानें क्यों लोग पूछे गए आध्यात्मिक सवालों पर चलने का प्रयास नहीं करते. महाराज जी का कहना है कि केवल प्रश्न करने मात्र से बात नहीं बनती. अगर आप भोजन बनाने की प्रक्रिया जान लें, तो उससे भूख नहीं मिटती, उसके लिए आपको भोजन को पकाना पड़ता है. उसी प्रकार साधना किए बिना प्रश्न करना बेकार है. आध्यात्मिक ज्ञान के लिए प्रयास कर रहे हैं लेकिन साधना की नहीं तो आनंद का अनुभव नहीं होगा.हम अगर बात आध्यात्म की करें और आचरण गंदे रखेंगे तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा. आचरण संसारिक और बातें भागवत से जुड़े, तो इसे बहुत पाखंड कहते हैं.
बात कर रहें हैं सत्य की चल रहे हैं असत्य में. बात कर रहे हैं प्रकाश की चल रहे हैं अंधकार में, बात करें अमृत की और खा रहे हो विष. इन सब बात का कोई महत्व नहीं है. कुछ लोगों को छोड़ दें तो लगभग हर किसी का यही हाल है. बात करते हैं ज्ञान की और आचरण है अज्ञान के, जीवन एक नाटक बन कर रह गया है.जब हम ज्ञान की बात करते हैं तो ज्ञान का प्रयोग करके अज्ञान का नाश करके सत्य मार्ग पर चलें.
सत्य मार्ग पर चलें. जो उत्तर मिला तो उसे अपने जीवन में उतारे तभी आनंद आएगा. दूसरा कोई कुछ भी करता रहे लेकिन हमे ऐसा नहीं करना इस बात को अपने मन में ठान लेना चाहिए. जो जानकारी हमे मिली उसका अपने जीवन में प्रयोग करें और जीवन में उतारें तभी आनंद आएगा. प्रवचन सुना और मन से गंदी बातों का त्याग कर देना चाहिए, नाम जप करते समय आपने सत्संग सुना और उसको जीवन में लागू नहीं किया तो उसका कोई महत्व नहीं है. महात्मा लक्ष्ण से होता है वेश से नहीं होता है. अच्छे से नाम जप करें और सत्य मार्ग पर चलें.
Premanand Ji Maharaj: आत्मज्ञान की प्राप्ति कैसे हो, जानें प्रेमानंद जी महाराज से उनके अनमोल वचन
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