फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मथुरा के बरसाने में लट्ठमार होली खेली जाती है. ये होली राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक मानी जाती है. इसकी शुरुआत भी राधा रानी और कान्हा जी ने की थी.

बरसाना में लट्ठमार होली 8 मार्च 2025 को खेली जाएगी. लट्ठमार होली लट्ठ और ढाल से खेली जाती है. इसमें इस्तेमला होने वाले रंग गुलाल टेसू के फूल से बने होते हैं.

पुरुष कमर पर फेंटा बांधकर कान्हा की ढाल के साथ और महिलाएं राधा रानी की भूमिका निभाते हुए लाठियों के साथ हुरियारों संग रंगीली होली खेलते हैं.

इस होली की शुरुआत द्वापरयुग में हुई थी. जब नंदगांव के नटखट कन्हैया अपने ग्वालों के साथ बरसाने की राधा रानी और अन्य गोपियों के साथ होली खेलने और उन्हें सताने के लिए बरसाना जाते थे.

हंसी ठिठोली करते कान्हा को सबक सिखाने के लिए राधा रानी छड़ी लेकर कान्हा और उनके ग्वालों के पीछे भागती हैं और छड़ी मारती थीं.

इसी परंपरा को निभाते हुए हर साल फाल्गुन माह में बरसाने की महिलाएं और नंदगांव के पुरुष लट्ठमार होली खेलते हैं.
Published at : 20 Feb 2025 06:14 PM (IST)
ऐस्ट्रो फोटो गैलरी
ऐस्ट्रो वेब स्टोरीज