Mahakumbh 2025: महाकुंभ की शुरुआत मकर संक्रांति से हुई थी अब महाशिवरात्रि पर कुंभ मेले का समापन हो जाएगा. महाशिवरात्रि का पर्व भोलेनाथ को समर्पित है, इस दिन तीर्थ नगरी में स्नान करने का पुण्य दोगुना प्राप्त होता है.
26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर आखिरी शाही स्नान किया जाएगा. महाशिवरात्रि से पहले महाकुंभ में स्नान का शुभ संयोग कब बन रहा है. कौन सी खास तिथियां हैं जिसमें स्नान करना फलदायी होगा यहां देखें डेट, मुहूर्त.
महाकुंभ में महाशिवरात्रि से पहले स्नान कब ?
महाकुंभ का आखिरी शाही स्नान भले ही महाशिवरात्रि पर होगा, लेकिन अगर आप किसी कारणवश महाशिवरात्रि पर स्नान के लिए प्रयागराज नहीं जा पा रहे हैं तो विजया एकादशी, और फाल्गुन कृष्ण प्रदोष व्रत के दिन भी महाकुंभ में स्नान कर सकते हैं. ये स्नान-दान के लिए पुण्य तिथियां मानी जाती है.
विजया एकादशी 24 फरवरी 2025 को है. इस दिन महाकुंभ में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और फिर गंगाजल से श्रीकृष्ण का अभिषेक करें. तीर्थ नगरी में ही विजया एकादशी पर दिया दान हजारों गुना पुण्य प्रदान करता है. श्रीहरि की कृपा मिलती है.
इसके अलावा फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 25 फरवरी 2025 को है. इस दिन भी महाकुंभ में गंगा स्नान करने श्रेष्ठ होगा. स्नान के बाद गंगा जी का , सूर्य देव की पूजा और भोलेनाथ का गंगाजल से अभिषेक करें.
महाशिवरात्रि 2025 स्नान मुहूर्त (Mahakumbh Last Shahi snan 2025 muhurat)
इस पवित्र दिन त्रिवेणी संगम, काशी में आस्था की डुबकी लगाने से महादेव का आशीर्वाद मिलता है. संकट के साथ रोग, दोष भी समाप्ति होने की मान्यता है.
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05:09 – सुबह 05:59 (इस मुहूर्त में संगम में स्नान करना विशेष फलदायी होता है)
- अमृत काल मुहूर्त -सुबह 07:28 – सुबह 09:00
- शुभ – सुबह 11.08 – दोपहर 12.34
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