Lord Rama Arrow: भारत में प्राचीनकाल से ही अस्त्र-शस्त्र रखने की परंपरा रही है. राजा-महाराजा भी अस्त्र-शस्त्र रखा करते थे. प्राचीन काल के हथियारों में धनुण-बाण सबसे असरदार अस्त्र हुआ करता था, जिसे सतयुग के भगवान राम भी अपने पास रखते थे. लेकिन भगवान राम के पास जो धनुष-बाण था वह सामान्य न होकर चमत्कारिक था. यानि यह सामान्य अस्त्र न होकर ब्रह्मास्त्र था, जिसका इस्तेमाल वे राक्षसों के विरुद्ध युद्ध में करते थे.
भगवान राम का धनुष-बाण का क्या नाम था?
प्रचीन समय में हर धनुर्धर अपने पास धनुष-बाण रखता था, जिसकी कुछ विशेषताएं होती थीं और नाम भी होता था. इसी तरह भगवान राम के धनुष का नाम कोदंड था, जोकि बांस से बना हुआ था और विभिन्न तरह से अभिमंत्रित किया हुआ था. साथ ही भगवान के पास एक अमोघ बाण भी था. इस बाण की खासियत यह भी कि, यह अपने लक्ष्य को भेदकर ही वापस आता था. मुश्किल समय में ही राम इस बाण का प्रयोग करते थे. कहा जाता है कि राम जी के अमोघ बाण से समुद्र का पानी भी सूख गया था. हालांकि हनुमान पर इस बाण का असर नहीं हुआ था, क्योंकि वे राम-राम का नाम जपते थे और राम का नाम स्वयं राम से बड़ा है.
राम के अमोघ बाण के आगे मिसाइल्स और वेपन सिस्टम भी फेल!
धनुष का आविष्कार हजारों साल पहले हुआ था. धीरे-धीरे नई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए आधुनिक तीर और धनुष भी बनाए जा रहे हैं. आज का समय तो मिसाइल्स और वेपन सिस्टम का है जो तेज गति से दुश्मन की ओर बढ़ती है. कहना गलत नहीं होगा कि जिस प्रकार आज का होमिंग मिसाइल्स या लॉजिकल वेपन सिस्टम काम करता है, उसी प्रकार भगवान राम का धनुष-बाण भी सतयुग में ब्रह्मोस, पृथ्वी-II, अग्नि-I, अग्नि-II, अग्नि-III, धनुष, और प्रहार आदि से कम नहीं था.
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