BOLT Test For Lungs: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी ने कई तरह की बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ा दिया है। लाइफस्टाइल और खान-पान में गड़बड़ी के साथ प्रदूषित होता वातावरण भी इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान हमारे फेफड़ों को उठाना पड़ रहा है। यही कारण है कि पहले जहां सांस से जुड़ी बीमारियां ज्यादातर बुजुर्गों में दिखाई देती थीं, वहीं अब कम उम्र के लोग यहां तक कि बच्चे भी इसका शिकार होने लगे हैं।
शोध बताते हैं कि पिछले दो दशकों में भारत समेत कई देशों में अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), और फेफड़ों के कैंसर जैसी बीमारियों के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट बताती है कि हर साल लगभग 70 लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों की वजह से होती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुछ सरल आदतें अपनाकर हम फेफड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं। इसके अलावा समय-समय पर आपको अपने फेफड़ों का कार्यक्षमता की जांच भी करते रहना चाहिए। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम ने बोल्ट (BOLT) नामक एक उपाय के बारे में बताया है। आइए समझते हैं कि इससे फेफड़ों की सेहत का किस तरह से अंदाजा लगाया जा सकता है?

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घर पर ही कर सकते हैं फेफड़ों की सेहत की जांच
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बोल्ट टेस्ट से जानिए फेफड़ों की सेहत का हाल
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, प्रदूषण के स्तर में होती बढ़ोतरी के चलते अब न केवल सांस लेना मुश्किल हो जाता है, बल्कि यह आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य पर भी भारी असर डालता है। BOLT यानी ब्लड ऑक्सीजन लेवल टेस्ट स्कोर की मदद से ये जाना जा सकता है कि आपके फेफड़े कितने स्वस्थ हैं? और इन्हें कोई खतरा तो नहीं है।
BOLT (बॉडी ऑक्सीजन लेवल टेस्ट) एक सरल, घर पर किया जाने वाला परीक्षण है जो आपकी कार्बन डाइऑक्साइड सहनशीलता को मापता है। इससे यह पता चल सकता है कि आप कितनी देर तक आराम से अपनी सांस रोक सकते हैं। जितनी देर आप सांस रोक सकते हैं उससे आपके फेफड़ों की सहनशक्ति के बारे में पता चलता है।
ये टेस्ट बिल्कुल आसान है और आप इसे घरपर ही करके आसानी से अपने फेफड़ों की शक्ति का अंदाजा लगा सकते हैं। बोल्ट स्कोर 10 से कम होना अलार्मिंग माना जाता है।
(जहरीली हवा सिर्फ फेफड़े नहीं हृदय और धमनियों को भी कर रही है कमजोर, कहीं आप भी न हो जाएं शिकार?)

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लंग्स की सेहत की बात
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कैसे करें बोल्ट टेस्ट?
इस टेस्ट को करने के लिए सबसे पहले एक शांत और आरामदायक जगह ढूंढें जहा कोई व्यवधान न हो। इसके बादअच्छी मुद्रा में सीधे बैठें जिसमें सांस लेना आपके लिए आसान हो।
- अपनी एक सामान्य और लंबी सांस लें और आराम से सांस छोड़ें।
- इसके बाद अब अपनी उंगलियों से नाक को बंद करें ताकि हवा आपके फेफड़ों में प्रवेश न कर सके और अपना टाइमर चालू करें।
- जब आपको सांस लेने की इच्छा होने लगे और आपकी छाती अकड़ने लगे, तो टाइमर बंद कर दें। आपने जितने सेकंड तक अपनी सांस रोकी, वह आपका बोल्ट स्कोर है।
- इस परीक्षण को थोड़े-थोड़े अंतराल पर दो-तीन बार और दोहराएँ और तीनों स्कोर का औसत निकालें।

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फेफड़े कहीं कमजोर तो नहीं?
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अब बोल्ट स्कोर के बारे में जानिए
अब जानते हैं कि आपका स्कोर आपके फेफड़ों की सेहत के बारे में क्या बताता है?
- अगर आपका बोल्ट स्कोर 20 सेकंड या उससे ज्यादा है तो ये बताता है कि आपके फेफड़े ठीक काम कर रहे हैं।
- 10-20 सेकेंड का स्कोर का मतलब कि आपके फेफड़ों की सेहत सामान्य है, लेकिन इसमें सुधार की जरूरत है।
- स्कोर 10 सेकंड से कम होना संकेत है कि आपकी सांस लेने की क्षमता कमजोर है। इसमें आपको डॉक्टर की सलाह लेने और फेफड़ों की क्षमता में सुधार की कोशिश करनी चाहिए।

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तंबाकू-धूम्रपान से बनाएं बिल्कुल दूरी
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फेफड़ों की क्षमता कैसे सुधारें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुछ सामान्य सी बातों का ध्यान रखकर आप अपने फेफड़ों को स्वस्थ बना सकते हैं। अपने बोल्ट स्कोर को बढ़ाने के लिए आप गहरी सांस लेने वाले व्यायाम कर सकते हैं जो श्वसन की मांसपेशियों को मजबूत कर सकते हैं। इसके अलावा हमेशा नाक से ही सांस लें, मुंह से नहीं। रोज हल्की कसरत या योग और पैदल चलने से भी फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
सबसे जरूरी है कि धूम्रपान से बचें। इतना ही नहीं पैसिव स्मोकिंग यानी आसपास सिगरेट पीने वाले लोगों के धुंए से भी बचाव करें। इससे फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है।
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स्रोत
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