Last Updated:
आज ‘सैयारा’ जैसे गाने युवाओं के एहसासों को छू रहे हैं, लेकिन इस पर खूब मीम्स भी बन रहे हैं, लेकिन हिंदी सिनेमा के सुनहरे काल में ऐसे-ऐसे गाने बने, जिन्हें गाते वक्त सिंगर भी अपने जज्बातों पर कंट्रोल नहीं कर पात…और पढ़ें

मोहम्मद रफी जब भी गाते थे, पूरे दिल से गाते थे. जाहिर है कि वह गाते समय इमोशनल हो सकते थे. ऐसा ही कुछ हुआ जब वे फिल्म ‘नील कमल’ (1968) का एक मशहूर गाना गा रहे थे. वे तब अपने आंसू नहीं रोक पाए थे. यह रोमांटिक फिल्म 1968 में रिलीज हुई थी, जो दर्शकों को बहुत पसंद आई थी. फिल्म की कहानी और संगीत दोनों ही अनोखे थे. फिल्म का गाना ‘बाबुल की दुआएं लेती जा’ 57 साल बाद भी हमारे जीवन का अहम हिस्सा बना हुआ है, जिसे वहीदा रहमान पर फिल्माया गया है. यह गाना अक्सर शादियों में विदाई के समय बजाया जाता है और हमारे कल्चर का अहम हिस्सा बन गया है.
गाना किसी को भी रुला सकता है, इस गाने से जुड़ी एक दिलचस्प बात यह है कि खुद मोहम्मद रफी इस गाने की रिकॉर्डिंग के दौरान रो पड़े थे. इसका कारण जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू में बताया, ‘गायक के लिए यह गाना वास्तव में दिल से जुड़ा हुआ था. इसका कारण यह था कि रफी साहब की बेटी की शादी हाल में हुई थी जब वह इस गाने को गाने आए थे. वह माइक पर रो रहे थे. दिल से निकली चीजों का गहरा असर होता है.’
साहिर लुधियानवी ने लिखा था गाना
‘बाबुल की दुआएं लेती जा’ का संगीत रवि ने दिया था और इसके बोल साहिर लुधियानवी ने लिखे थे. फिल्म ‘नील कमल’ का निर्देशन राम महेश्वरी ने किया था. फिल्म के मुख्य कलाकारों में राज कुमार, वहीदा रहमान, मनोज कुमार और बलराज साहनी शामिल थे. यह गाना बलराज साहनी और वहीदा रहमान पर फिल्माया गया था.

अभिषेक नागर News 18 Digital में Senior Sub Editor के पद पर काम कर रहे हैं. वे News 18 Digital की एंटरटेनमेंट टीम का हिस्सा हैं. वे बीते 6 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. वे News 18 Digital से पहल…और पढ़ें
अभिषेक नागर News 18 Digital में Senior Sub Editor के पद पर काम कर रहे हैं. वे News 18 Digital की एंटरटेनमेंट टीम का हिस्सा हैं. वे बीते 6 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. वे News 18 Digital से पहल… और पढ़ें