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ज्ञानेश कुमार, राजीव कुमार। – फोटो : एएनआई
विस्तार
चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) नियुक्त किया गया। ज्ञानेश कुमार चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त होंगे।1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार पिछले साल मार्च से चुनाव आयुक्त के रूप में काम कर रहे थे। उन्हें पदोन्नत किया गया है। उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक है। ज्ञानेश कुमार पर इस साल बिहार का विधानसभा चुनाव और अगले साल पश्चिम बंगाल, असम और तमिलनाडु का चुनाव संपन्न कराने की जिम्मेदारी होगी।
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इससे पहले आज देश के नए मुख्य चुनाव आयुक्त को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता व लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी शामिल हुए थे। मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कार्यकाल कल (18 फरवरी) को खत्म हो रहा है।
कैसे होता है नए मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन?
अब तक सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त को ही मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में पदोन्नत किया जाता था। हालांकि, पिछले साल मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों पर एक नया कानून लागू हुआ। इसके तहत एक खोज समिति ने इन पदों पर नियुक्ति के लिए पांच सचिव स्तर के अधिकारियों के नामों को शॉर्ट लिस्ट किया था, ताकि प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली समिति उन पर विचार कर सके। पीएम, लोकसभा में नेता विपक्ष और पीएम की तरफ से नामित एक कैबिनेट मंत्री एक नाम को मंजूरी देते हैं। इसके बाद राष्ट्रपति नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करेंगी।
कांग्रेस ने जताई थी आपत्ति
इसे लेकर आज कांग्रेस की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई थी, जिसे कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और अजय माकन ने संबोधित किया था। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर बैठक हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 19 फरवरी को इस विषय में सुनवाई होगी और फैसला सुनाया जाएगा कि कमेटी का संविधान किस तरीके का होना चाहिए। ऐसे में आज की बैठक को स्थगित करना चाहिए था। कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा था कि चयन समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश को हटाकर सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह चुनाव आयोग पर नियंत्रण चाहती है, न कि उसकी विश्वसनीयता को बनाए रखना चाहती है।